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हिमाचल विधानसभा में गूंजा भारत-पाक मैच विवाद, कांग्रेस MLA का विरोध, बेरोजगारी पर हंगामा

➤हिमाचल विधानसभा में भारत-पाक मैच पर विवाद
➤कांग्रेस विधायक ने BCCI को अनुमति वापस लेने का प्रस्ताव रखने की मांग
➤बेरोजगारी व ट्रेनी पॉलिसी को लेकर विपक्ष का हंगामा और वॉकआउट


हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले टी-20 क्रिकेट मैच का मुद्दा जोर-शोर से उठा। कांगड़ा के इंदौरा से कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने शून्यकाल में कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए यह खेल उचित नहीं है। राजन ने मांग की कि विधानसभा सचिवालय के माध्यम से केंद्र सरकार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को प्रस्ताव भेजा जाए कि टीम इंडिया को पाकिस्तान के खिलाफ खेलने की अनुमति वापस ली जाए।

गौरतलब है कि एशिया कप 9 सितंबर से दुबई और अबू धाबी में शुरू होना है। भारत और पाकिस्तान एक ही ग्रुप में रखे गए हैं और दोनों टीमें आमने-सामने होंगी।

सदन में इसके बाद रोजगार का मुद्दा गरमा गया। प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक विपिन सिंह परमार और सतपाल सत्ती ने रोजगार से जुड़े सवाल उठाए। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने शोरगुल करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। बाहर आकर विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम सुक्खू रोजगार के मुद्दे पर बार-बार झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल सदन में बताया गया कि 34,980 लोगों को रोजगार दिया गया, जबकि इस साल सीएम ने स्वतंत्रता दिवस पर 23,191 नौकरियां देने का दावा किया।

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि एक साल में रोजगार की संख्या घट गई, जबकि कांग्रेस सरकार ने चुनावों में हर साल एक लाख और पांच साल में पांच लाख नौकरियां देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि पक्की और पेंशन वाली नौकरी का वादा करके कांग्रेस सत्ता में आई, लेकिन अब ट्रेनी पॉलिसी लाई जा रही है, जो युवाओं के साथ धोखा है।

विधानसभा में अन्य मुद्दे भी उठे। भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज ने अनाथ आश्रम में एक बच्ची से दुराचार का मामला उठाने की बात कही। वहीं बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने पश्चिम बंगाल में निजी मरीन इंजीनियरिंग कोर्स के दौरान एक छात्र की रहस्यमयी मौत का मामला उठाने का ऐलान किया। आपदा प्रबंधन पर चर्चा भी जारी रही, जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अंत में जवाब देंगे।