देश का पहला एंटीबायोटिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सोलन जिले के बद्दी में स्थापित होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कॉमन इनफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) के साथ लगाए जा रहे प्लांट के लिए 26 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूपनगर और पंजाब विश्वविद्यालय प्लांट का तकनीकी सत्यापन करेंगे। जल्द ही दोनों संस्थानों के साथ बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ उद्योग संघ (BBNIA) समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा। इसके बाद प्लांट का काम शुरू होगा।
देश में कहीं पर भी फार्मा उद्योगों से निकलने वाले पानी से एंटीबायोटिक और दवाओं के घुलनशील ठोस कचरे (टीडीएस) को अलग करने का कोई भी प्लांट नहीं है। इस प्लांट को स्थापित करने के लिए बीबीएनआइए की ओर से विशेषज्ञ के बतौर कंसल्टेंट नियुक्त किया है। देश में पहली बार लग रहे प्लांट के लिए सभी तकनीकी पहलुओं को देखा जा रहा है। पहले परीक्षण के तौर पर एक मिनी ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। यदि इसमें एंटीबायोटिक को अलग करने में सफलता मिली तो दैनिक तीन मिलियन लीटर (एमएलडी) क्षमता का प्लांट स्थापित किया जाएगा।
बीबीएनआइए के अध्यक्ष राजेंद्र गुलेरिया ने कहा कि एंटीबायोटिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 20 करोड़ केंद्र व छह करोड़ रुपये प्रदेश सरकार से आ चुके हैं। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर करीब 28 करोड़ की थी, लेकिन लागत इससे अधिक हो सकती है। आइआइटी रूपनगर व पंजाब विश्वविद्यालय के साथ बातचीत हो चुकी है। अब एमओयू साइन किया जाना है।
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