पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध साइट बीड़ बिलिंग और धर्मशाला में प्रसिद्ध इंदरूनागसाइट में 15 जुलाई से 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.
बता दें इन 2 माह में पर्यटक इस साहसिक खेल का लत्फ़ न उठा पाने से इस दौरान पैराग्लाइडर पायलटों वह मालिकों को आजीविका के लिए थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है बता दें जिला कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग की 4 साइटों में से एक इंदरूनाग, बीड़ बिलिंग, नरवाना, बिल्प्टियाँ जोकि ज्वालाजी में हैं.
वहां पर बरसात के दौरान पर्यटकों व पेराग्लाइडरों की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए पर्यटन विभाग ने ये निर्णय लिया है. इसके अतिरिक्त अगर पायलटों की बात करें तो कांगड़ा में करीब 350 पायलटों ने पर्यटन विभाग से उड़ान भरने का लाइसेंस प्राप्त किया है और यह इन चारों पैराग्लाइडिंग पायलट को फ्लाइट करवाकर आजीविका कमाते हैं.
बताते चलें कि पायलट अपने साथ पैराग्लाइडर में एक पर्यटक को बिठाकर उसे टेक ऑफ साइट से लैंडिंग साइट पर पहुंचाने के लिए करीब 10 से 20 मिनट तक हवा में सैर कराता है हवा में 10 से 20 मिनट सैर करवाने के पायलट प्रति व्यक्ति 1500 रुपए चार्ज करता है जिससे उनकी रोजीरोटी चलती है, लेकिन खराब मौसम के चलते पर्यटन विभाग ने 2 माह के लिए पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
उधर उप निदेशक पर्यटन विभाग विनय धीमान ने कहा कि बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए 15 जुलाई से 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है उन्होंने कहा की अगर कोई पायलट इन चारों पैराग्लाइडिंग साइटों पर उड़ान भरता पाया जाता है तो विभाग उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी उन्होंने कहा कि विभाग के निर्णय को नजरअंदाज करने वाले पायलटों से 2हजार का जुर्माना ओर सजा का भी प्रावधान किया गया है।