<p>अन्तरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने सोमवार को राजभवन में अपने पति अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित अन्तरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की। हिमाचल परंपरा के अनुसार राज्यपाल ने साइना नेहवाल ओर पारूपल्ली कश्यप को हिमाचली टोपी, शॉल से सम्मानित किया और राजभवन की तस्वीर को स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया। </p>
<p>साइना नेहवाल ने राज्यपाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह हिमाचल प्रदेश में बैडमिंटन अकादमी खोलना चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद और बैंगलौर जाते हैं, जबकि उन्हें उत्तर भारत में ही अन्तरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल में प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण योगदान होता है और प्रशिक्षक अन्तरराष्ट्रीय स्तर के होने चाहिए ताकि बेहतर प्रदर्शन को बरकरार रखा जा सके। उन्होंने धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अधिकांश खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी पिछड़ जाते हैं।</p>
<p>पारूपल्ली कश्यप ने कहा कि कई खिलाड़ी बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए विदेश गए, जबकि यह प्रशिक्षण हिमाचल में भी प्रदान किए जा सकते हैं क्योंकि प्रदेश में इसकी काफी संभावनाएं हैं। साइना नेहवाल ने राजभवन की वास्तुकला में गहरी दिलचस्पी दिखाई और इसकी प्रशंसा की।</p>
<p>वहीं, राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल एक सुन्दर पहाड़ी प्रदेश है। प्रदेश के युवा बहुत प्रतिभावान हैं और उनमें अच्छे खिलाड़ी के सभी गुण हैं। बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कई बार सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें उचित मंच नहीं मिलता है और अगर ऐसी प्रतिभाओं को राज्य में उच्च स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाती है तो वह निश्चित रूप से अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर देश और प्रदेश का राम रोशन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज हिमाचल के कई खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, परन्तु इनकी संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुविधाएं प्रदान कर रही हैं और ग्रामीण स्तर पर खेलों के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है ताकि ग्रामीण परिवेश से भी खिलाड़ी उभरें।</p>
<p>राज्यपाल ने कहा कि उनके जैसे अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मदद से हिमाचल प्रदेश में खेल के लिए अधिक आधारभूत ढांचे की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं एक खिलाड़ी रहे हैं, इसलिए उन्हें खेलों का विशेष शौक है। वह हिमाचल प्रदेश में खेलों के लिए और अधिक अन्तरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित करना चाहते हैं।</p>
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