श्री दिगम्बर जैन सभा शिमला द्वारा आज जैन मंदिर में आयोजित पंच कल्याणक महामहोत्सव के अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि जैन धर्म द्वारा दिखाए गए अहिंसा, त्याग और सत्य का संदेश आज ज्यादा प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि जैन धर्म की शिक्षाओं के महत्वपूर्ण पहलू कुछ विचारों पर आधारित हैं, जो बेहतर शांतिपूर्ण जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि महावीर जी ने विश्वास, उचित आचरण और ज्ञान जैसे विचारों पर जोर दिया। वह कर्म में विश्वास करते थे। उन्हें सभी आत्माओं में एक शक्ति के अस्तित्व में विश्वास था, जो सर्वशक्तिमान है। महावीर जी द्वारा प्रचारित पांच सिद्धांतों में अहिंसा, सत्य बोलना, अस्तेय यानी चोरी न करना, त्याग और ब्रह्मचर्य अर्थात् सदाचारी जीवन जीना शामिल हैं। आज भी उनकी शिक्षाएं हमें सही जीवन जीने की राह दिखाती हंै। उन्होंने जैन समाज से नशामुक्त हिमाचल बनाने में भी सहयोग करने की अपील की।
उन्होंने इस अवसर पर बालयोगी आचार्य श्री सौभाग्य सागर जी महाराज का शिमला आगमन पर स्वागत किया और कहा कि उनका आशीर्वाद लोगोें को सन्नमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा। इस अवसर पर श्री दिगम्बर जैन सभा शिमला के अध्यक्ष के.के. जैन ने राज्यपाल का स्वागत किया।