➤ जयराम ठाकुर का आरोप—कांग्रेस सरकार की लेटलतीफी से कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तार अटका
➤ सेंट्रल यूनिवर्सिटी परियोजना में प्रगति न होने पर भी सरकार पर निशाना
➤ विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री की ‘लोकप्रियता घटने’ का दावा
धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के तीन साल पूरे होने को हैं, लेकिन कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार को अभी तक धरातल पर नहीं उतारा जा सका। उन्होंने कहा कि सरकार की लेटलतीफी और उदासीनता के कारण हवाई अड्डा विस्तार परियोजना लंबित पड़ी है।
उन्होंने दावा किया कि यही स्थिति सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मामले में भी बनी हुई है, जहां राज्य सरकार अब तक 30 करोड़ रुपए जारी नहीं कर पाई। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार विकास कार्यों को लटकाने और जनता का ध्यान भटकाने में माहिर है।
उन्होंने टिप्पणी की कि कांगड़ा में हाल ही में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री की कथित लोकप्रियता का भ्रम टूट गया, क्योंकि “जनता उनसे मिलने ही नहीं आई।” उन्होंने तंज किया कि मुख्यमंत्री को “सुबह सैर के बहाने स्कूलों के आसपास चक्कर लगाने पड़े।”
जयराम ठाकुर ने कहा कि लंबा शीतकालीन सत्र धर्मशाला में होने के बावजूद जनता का मुख्यमंत्री तक न पहुंचना उनके प्रति नाराजगी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास इसलिए कम हुआ है क्योंकि सरकार ने “झूठ बोलकर सत्ता तो हथिया ली, लेकिन वादों को पूरा करने की इच्छा नहीं दिखाई।”
उन्होंने कहा कि भाजपा की जोरावर स्टेडियम में आयोजित आक्रोश रैली को जनता का जिस तरह समर्थन मिला, वह जनता की भावना को स्पष्ट करता है।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के समय कांगड़ा जिले में शुरू किए गए बड़े प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिए। धर्मशाला को पर्यटन राजधानी बनाने के दावों को “कोरी घोषणा” बताते हुए कहा कि अब तक “एक भी नई परियोजना की आधारशिला नहीं रखी गई।”
उन्होंने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार इस क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित कर सकता है, लेकिन सरकार की अनदेखी से यह सपना धूमिल हो रहा है।
उन्होंने भाजपा सरकार के दौरान आयोजित राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्क्लेव, ग्लोबल इन्वेस्टर मीट, मुख्य सचिव सम्मेलन और प्रधानमंत्री की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा ने कांगड़ा को निवेश की राजधानी बनाने की दिशा में काम किया।
अंत में उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा के सांसद मजबूत तरीके से क्षेत्रीय मुद्दे उठा रहे हैं और कई प्रोजेक्ट जल्द धरातल पर उतरेंगे, लेकिन सुक्खू सरकार से “बड़े काम की उम्मीद बेकार है,” क्योंकि सत्ता में आते ही “2000 संस्थान बंद करवाकर विकास कार्य रोक दिए गए।”



