हिमाचल

6 हजार करोड़ का जल जीवन मिशन खत्म हो गया मगर गांवों में नल अभी भी सीटियां बजा रहे: मुकेश

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जिनके पास जल शक्ति, परिवहन, भाषा संस्कृति व सहकारिता विभाग है ने पूर्व सरकार की कारगुजारी पर तंज कसते हुए कहा कि 6 हजार करोड़ का जल जीवन मिशन खत्म हो गया मगर पहाड़ पर पानी नहीं पहुंचा। हर घर को जो नल व और उसमें जल देने की बात थी वह कहीं नजर नहीं आती.

आज भी प्रदेश में ये नल खोलने पर पानी नहीं टपकाते बल्कि सीटियां बजाते हैं। रविवार को आइआइटी मंडी में  चल रहे जी 20 व एस 20 सम्मेलन के तीसरे दिन स्किल इंडिया कार्यक्रम में आए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने स्किल का दुरूपयोग करने वाले कम नहीं हैं।

उन्होंने अपने परिवहन विभाग का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्किल से जुड़ा महकमा है मगर 3200 बसों के बेड़े में 1200 बसें जीरो वैल्यू की हो चुकी हैं, किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। हमनें 556 नई बसंे खरीदी । सरकार इलेक्ट्कि बसें प्रदेश में चलाना चाहती है, सवा करोड़ की एक बस आती है मगर देश में कहीं भी किसी भी कंपनी के पास बसें नहीं हैं, 18 महीनें से पहले कोई भी सप्लाई देने की स्थिति में नहीं है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसनें रोहतांग दर्रे तक इलैक्ट्कि बस पहुंचा दी है। उन्होंने अपने संस्कृति विभाग का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे कई मंदिर व धार्मिक स्थल देश दुनिया में प्रख्यात हैं। चिंतपूर्णी मंदिर की ही आमदनी 100 करोड़ रूपए है। कमरे चांदी से भरे हुए हैं, पुलिस पहरा देना पड़ा है।

इसे लेकर भी योजना बनाने की जरूरत है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चिंतपूर्णी मंदिर परिसर का विकास वैष्णो देवी की तर्ज पर किया जाएगा। इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। प्रदेश की नदियों से बहने वाले जल पर टैक्स लगाने की बात पर उन्होंने कहा कि यह प्रदेश का विषय है, हम इस पर टैक्स लगा सकते हैं। सारा देश चिल्ला रहा है कि हम टैक्स नहीं देंगे.

केंद्रीय मंत्री ने भी सभी राज्यों को इस बारे में चिट्ठी लिख दी है। बिजली केंद्र का विषय है मगर नदियों का पानी हमारा है हम इस पर टैक्स लगाएंगे और अपनी आमदनी बढ़ाएंगे। उन्होंने आइआइटी के शोधकर्ताओ ंसे कहा कि जो भी खोज व कर रहे हैं, स्किल पर काम हो रहा है.

वह धरातल पर दिखना चाहिए, इससे प्रदेश का हित होना चाहिए, अभी तक तो स्किल के नाम पर फर्जी डिग्रियां बन रही हैं, करोड़ों के स्किल सेंटर सूने खाली पड़े हैं, कई संस्कृति सदन करोड़ों की लागत से बने हैं मगर इसमें दूरबीन से देखने पर भी संस्कृति के दर्शन नहीं होते.

अपनी बात करते हुए मुकेश ने कहा कि उन्होंने फिजिक्स पढ़ी है, गणित पढ़ा है मगर आज उन्हें हर पांच साल बाद जनता के बीच जाकर वोट मांगने पड़ते हैं, देखा जाए तो चुनाव लड़ा भी एक स्किल है.

इस मौके पर आइआइटी के निदेशक डॉ लक्ष्मी बेहरा ने उन्हें सम्मानित किया व उन्हें विश्वास दिलाया कि उना में खुले स्किल सेंटर को आइआइटी मंडी सुधारेगी और प्रदेश के हित में जो भी जरूरी होगा किया जाएगा। इस मौके पर जी 20 व एस 20 सम्मेलन के प्रतिभागी, पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी, विकास कपूर व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे

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