कहते हैं ”जिस इन्सान के अंदर हौंसला होता है, वह लाख मुसीबतों में घिरा होने के बावजूद सब हासिल कर सकता है। हर इन्सान के अन्दर हौंसला होना बहुत ज़रूरी है। अपने हौंसले को यह मत बताओ, कि तुम्हारी परेशानी कितनी बड़ी है। इसी बजाए अपनी परेशानी को यह बताओ कि तुम्हारा हौंसला कितना बड़ा है।“ ये शब्द हैं ज्वाली तहसील के गांव जरोट की 13 वर्षीय उस बिटिया के, जिसने गत दिनों कोरोना से ग्रस्त गंभीर रूप से सक्रंमित होने के बावजूद अपनी बीमारी को मात देने में सफल रही।
नेहा ने मुख्यमंत्री, ज़िला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह उनके सहयोग से ही इस कोरोना को हराने में सफल रही है। वह हंसते हुए कहती है कि अगर हम अपनी हिम्मत बनाए रखें तो भगवान भी हमारी मदद के लिए हमारे साथ खड़ा हो जाता है।
नेहा के पिता गुलशन मन्हास अपनी बेटी की बीमारी के बारे में बताते हुए कहते हैं कि नेहा कुछ दिनों से बीमार थी। धीरे-धीरे उसे सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी। वह तेज़ बुखार में तप रही थी। उसका दम घुट रहा था। इस गंभीर स्थिति में, मैं उसे रात को नगरोटा-सूरियां, अस्पताल ले गया। जब कोरोना टेस्ट करवाया गया तो नेहा कोरोना पॉज़िटिव पाई गई। वहां डॉक्टरों ने दवाईयों के साथ उसे होम आइसोलेशन की सलाह दी गई। प्रशासन और आशा वर्कर द्वारा प्रतिदिन बेटी का हाल-चाल पूछा जाता था।
नेहा के पिता बताते हैं कि मेरी बेटी ने गंभीर स्थिति में होने के बाद भी अपना हौंसला नहीं छोड़ा। चिकित्सकों की सलाह और दवाइयों के साथ उनके द्वारा बताए गए तमाम उपायों का सही पालन करने से वह धीरे-धीरे ठीक होती गई। उन्होंने बताया कि आज नेहा बिल्कुल ठीक है।