उपायुक्त, राकेश कुमार प्रजापति द्वारा कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए तथा जिला में रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने की क्षमता का विस्तार करने की सख्त जरूरत को देखते हुए 50 बेड से ऊपर की क्षमता वाले निजी अस्पतालों के 50 प्रतिशत बेड को कोविड-19 के रोगियों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सूर्या अस्पताल राजा का तालाब, बालाजी अस्पताल कांगड़ा, हिमाचल हेल्थ केयर/फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा, मेपल लीफ कांगड़ा, सिटी अस्पताल घुरकडी कांगड़ा, विवेकानंद मेडिकल इंस्टीट्यूट पालमपुर, नव जीवन अस्पताल ज्वालामुखी तथा डेलेक अस्पताल धर्मशाला में यह सुविधा उपलब्ध रहेगी।
डीसी ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 34 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर जनता के कल्याण में यह आदेश जारी किए गए हैं। जिला निगरानी अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कांगड़ा द्वारा रेफरल के बाद आरक्षित 50 प्रतिशत बेड पर कोविड रोगियों की भर्ती की जाएगी। आईसीएमआर से अनुमोदित प्रयोगशाला में पुष्टि की गई पॉजिटिव रिपोर्ट पर कोविड पॉजिटिव रोगियों को सीधे भी स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला कांगड़ा में प्रत्येक माध्यमिक स्तर के समर्पित आईसोलेशन सुविधा के लिए एक नोडल अधिकारी को नामित/तैनात किया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि वेंटिलेटर के साथ-साथ ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले रोगियों के लिए 8 हजार रुपये प्रति बिस्तर प्रति दिन की दर निर्धारित की गई है जबकि ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले रोगियों के लिए यह दर 3 हजार रुपये प्रति बिस्तर प्रतिदिन रहेगी। जिन मरीजों को न तो वेंटिलेटर और न ही ऑक्सीजन की आवश्यकता है, उनके लिए 800 रुपये प्रति बिस्तर प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी शुरू में इन अस्पतालों को 50 पीपीई किट और 100 एन-95 मास्क प्रदान करेंगे और इसके बाद वास्तविक आवश्यकता के आधार पर सामान की आपूर्ति की जाएगी।