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कांगड़ा: गणतंत्र दिवस पर लहराया झंडा, उतारने वाला कोई नहीं..!

मृत्युंजय पुरी |

ज्वाली के टियूकरी गांव में गणतन्त्र दिवस पर पूर्व सैनिकों द्वारा सैनिक भवन के प्रांगण में बड़ी धूमधाम से तिरंगा लहराया गया। लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि तिरंगा फहराने वाले वो सैनिक थे जिन्होंने तकरीबन 25-30 साल तिरंगे के नीचे देश की सेवा की। उन्होंने तिरंगा फहरा तो दिया लेकिन फहराने के बाद तिरंगे को उतारना मुनासिब न समझा। तिरंगा लगभग 33-34 घंटे लगातार लहराता रहा। यह बात इलाके में बड़ी चर्चा का विषय बनी हुई है। लोगों का कहना है कि जो लोग देश की सेवा करने की डींगें मारते थे वो सिर्फ नौकरी के दौरान ही तिरंगे की कद्र करते थे। लेकिन अब सेवानिवृति उन लोगों पर राजनीति का नशा इतना छा गया है कि थोड़े ही समय में तिरंगे की मान मर्यादा भूल गए।

जबकि कायदे मुताबिक तिरंगे को सूर्य उदय के बाद फहराया जाता है और सूर्यास्त से पहले उतारा जाता है। जिसकी मौखिक तौर पर ज्वाली पुलिस थाना में स्थानीय युवकों ने शिकायत भी की थी लेकिन फिर भी पुलिस टस से मस न हुई। पुलिस को मौका देखने को भी कहा गया लेकिन पुलिस ने मौका देखने की बजाय तिरंगा फहराने वाले पूर्व सैनिकों को फोन पर जल्दी-जल्दी तिरंगे को उतारने के लिए कहा। इस सारी वारदाता की जानकारी एसपी कांगड़ा सन्तोष पटियाल और डीसी कांगड़ा संदीप कुमार को उसी वक्त पिछली रात को तकरीबन सवा सात बजे फोन पर दे दी गई थी।

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि स्थानीय पुलिस को मौका न देखना उल्टा आरोपियों को बचाने में क्या रुचि रही होगी। इससे साफ जाहिर होता है कि या तो पुलिस यहां के राजनेताओं की पिट्ठू है या फिर गुलाम है। क्योंकि इन पूर्व सैनिकों में काफी सैनिक बीजेपी ज्वाली के उच्च पदाधिकारी भी हैं इसलिए इनके आगे स्थानीय पुलिस बौना साबित हो रही है। जब इस बारे में दोबारा डीसी कांगड़ा संदीप कुमार से कारवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मैंने एसपी कांगड़ा को बता दिया है।