एक ओर प्रदेश सरकार परीक्षाओं को ध्यान में रख़ते हुए स्कूल में कार्यक्रमों पर रोक लगा रही है तो वहीं जयराम सरकार के मंत्री अपनी ही सरकार के आदेश मानने को तैयार नहीं। आए दिन अपने क्षेत्र में कोई जनसभा या कार्यक्रम जैसा पब्लिक संवाद तो चाहिए ही। इसके लिए मंत्री अपने सरकार के आदेशों को भी नहीं जान रहें।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है कांगड़ा के अंतर्गत पड़ते मनैई और परगोड़ के सरकारी स्कूल में जहां वार्षिक समारोह में चीफ गेस्ट के तौर पर मंत्री सरवीण चौधरी पहुंचीं। मंत्री ने स्कूल के कार्यक्रम में हिस्सा लिया औऱ कई तरह तोहफे देने के साथ-साथ विद्यार्थियों के साथ फोटो भी खिंचवाए। स्कूल का वार्षिक समारोह जिस तरह होता था उसी तरह शांतिपूर्ण ढंग से हुआ लेकिन एक बार भी मंत्री ने सरकार के इन आदेशों पर बात नहीं की। हालांकि सरकार की तारीफ जरूर हुई लेकिन उनके आदेशों से ख़फा मंत्री ने कार्यक्रम पर कुछ नहीं कहा।
रही स्कूल की बात तो विभाग का दावा है कि सभी स्कूलों के आदेश दे दिये गए हैं। इसका बकायदा विभाग की ओर से 29 जनवरी को नोटिस भी जारी किया गया था लेकिन श़ायद स्कूल प्रबंधन का मंत्री को बुलाने का क्रार्यक्रम फ़िक्स हो चुका था। जब सरकार अपनी तो नेताओं की भी क्या ग़लती…!! श़ायद यही सोचकर मंत्री महोदया ने भी सरकार के आदेशों की अनदेखी की औऱ स्कूल प्रबंधन ने भी मंत्री महोदया बीजेपी की ही तो हैं… सोचकर क्रार्यक्रम रद्द नहीं किया। इसमें ग़लती किसकी है ये तो शायद सरकार के मुखिया औऱ शिक्षा बोर्ड तय करेगा। लेकिन इतना जरूर है कि छात्रों के परीक्षाओं का हवाला देकर सरकार जो नंबर बना रही है उसमें कमी जरूर आई है।
याद रहे कि जयराम सरकार ने 29 जनवरी को आदेश जारी किए थे कि अब किसी भी स्कूल में किसी तरह कार्यक्रम नहीं होगा। वार्षिक परीक्षाओं को ध्यान में रख़ते हुए सरकार ने ये फैसला लेने की बात कही थी। शिक्षा सचिव ने इसकी अधिसूचना भी जारी की थी लेकिन सरकार में बैठे नुमाइंदे खुद ही सरकार की नहीं सुनते… तो फ़िर स्कूल प्रबंधन अपने विभाग की क्या ख़ाक सुनेंगे…!!!