धर्मशाला: कांगड़ा जिले में तम्बाकू मुक्त युवा अभियान के तहत स्कूलों और गांवों को तम्बाकू फ्री बनाने के लिए व्यापक मुहिम छेड़ी गई है। 30 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में लोगों विशेषकर युवाओं में तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों को लेकर जागरूकता पैदा करने तथा जन अभियान के माध्यम से लोगों को तंबाकू की लत से मुक्त करने और तंबाकू के सेवन को रोकने के लिए एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल ने यह जानकारी राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक के उपरांत दी।
बता दें, विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर 31 मई को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी तम्बाकू मुक्त युवा अभियान शुरू किया गया है। 30 जुलाई तक चलने वाले इस 60 दिवसीय अभियान को कांगड़ा जिले में पूरी गंभीरता से चलाया गया है।
4 मुख्य बिंदुओं पर फोकस
सौरभ जस्सल ने कहा कि अभियान के तहत 4 मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रमुख रूप से जन जागरूकता, तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान प्रमाणीकरण, तंबाकू मुक्त गांव और कोटपा एक्ट के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ चालान जैसी गतिविधियों पर फोकस रहेगा। उन्होंने बताया कि इन श्रेणियों में बेहतर कार्य करने वाले राज्य तथा जिलों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने आग्रह किया कि कांगड़ा जिले को तंबाकू निराकरण में देश में अग्रणी बनाने के लिए सभी विभाग मिलकर इस अभियान को सफल बनाने में जुटें। उन्होंने इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग को सभी से समन्वय का जिम्मा सौंपा।
उन्होंने शिक्षा और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को शिक्षण संस्थानों तथा गांवों का तंबाकू मुक्त प्रमाणीकरण सुनिश्चित बनाने को लेकर समर्पित प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस विभाग से तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 के तहत लोगों के सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने, धूम्रपान नियमों की अनदेखी करने के मामलों में कड़ाई से पेश आने तथा अवहेलना पर चालान करने को कहा। बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच, डॉ. वंदना सहित जिला स्तरीय समन्वय समिति के अन्य पदाधिकारी, समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।