<p>हिमाचल प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले भी अब बढ़ने लग गए हैं। जिला कांगड़ा में ब्लैक फंगस का तीसरा मामला सामने आया है। जिला कांगड़ा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि टांडा मेडिकल कॉलेज में एक ब्लैक फंगस से पीड़ित व्यक्ति की सर्जरी कर इंफेक्शन वाले हिस्से को निकाल दिया गया है और मरीज की हालत अब स्थिर है। उन्होंने बताया कि कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में मरीज उपचाराधीन हैं। इसी के साथ ब्लैक फंगस से पीड़ित लोगों का उपचार भी टांडा में किया जा रहा है</p>
<p>डॉ गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि जिला में ब्लैक फंगस का तीसरा मामला आने के बाद टांडा में उसकी भी सर्जरी करके इन्फेक्शन वाले हिस्से को निकाल दिया गया है। सभी मरीजों की स्थिति स्थिर है और उनका उपचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा में ब्लैक फंगस से निपटने के लिए विभाग के पास पर्याप्त दवाइयां हैं।</p>
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बता दें कि हिमाचल में ब्लैक फंगस के मामले सामने आने के बाद सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। ब्लैक फंगस से मानव शरीर के नाक, आंख और मस्तिष्क क्षेत्र को प्रभावित करता है। महामारी के दौरान ब्लैक फंगस बढ़ने का कारण कोविड-19 संक्रमण से मधुमेह बिगड़ने की प्रवृत्ति होती है। रोगियों में नए शूगर का विकास होता है और कभी-कभी श्वेत रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है।</p>
<p>इसके अलावा, कोविड-19 मरीजों के उपचार में उपयोग किए जा रहे स्टेरॉयड जैसे इम्यूनोसप्रेसिव उपचार से भी इम्यूनिटी में कमी आती है। म्यूकॉरमायकोसिस चिकित्सा प्रबंधन का मानना है कि इस बीमारी का समय पर पता चल जाने से मरीज इससे पूरी तरह से ठीक हो जाता है</p>
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