लाइफ सेविंग बैंक प्रेगनेंट लेडीज का बनेगी सहारा
26 जनवरी से लॉन्च होगी स्कीम, एडीसी ने दी जानकारी
हिमाचल के दूरदराज क्षेत्र, जोकि भौगोलिक परिस्थितियों के कारण दुनिया भर में पहचाना जाता है। यहां के लोगों का जीवन हर पल चुनौतियों से भरा होता है। स्पीति की गर्भवती महिलाओं के लिए स्पीति प्रशासन नई पहल शुरू करने जा रहा है, जिसका नाम लाईफ सेविंग बैंक रखा गया है। 26 जनवरी 2024 को विधिवत रूप से इस लाईफ सेविंग बैंक की लॉचिंग की जाएगी। इस योजना का लाभ गर्भवती महिलाओं को मिलेगा। इसके अलावा जैसे-जैसे बैंक मजबूत होगा, अन्य बीमारियों का इलाज जैसे कैंसर, हार्ट अटैक आदि में भी मदद मिलेगी।
लाइफ सेविंग बैंक के संचालन के लिए कमेटी का गठन किया गया है। इसकी अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन काजा जिला लाहुल स्पीति ने की। उन्होंने कहा कि लाइफ सेंविग बैंक एक अलग तरह की पहल है जो प्रथम चरण में उन गर्भवती महिलाओं की सहयोगी बनेगी जोकि आर्थिक रूप से कमजोर है। इसमें बीपीएल परिवार सहित गरीब महिलाएं शामिल है।
लाइफ सेविंग बैंक का कार्यः-
लाइफ सेविंग बैंक का कार्य स्पीति उन गरीब गर्भवती महिलाओं की हर संभव सहायता करना है। गर्भवती महिलाएं शिमला, कूल्लु और नेरचौक में प्रसव के लिए जाती है। लेकिन, आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण वहां रहने और खाने-पीने का खर्च उठाने में असमर्थ होती है। ऐसे में इस तरह के लोगों की सहायता करना उक्त बैंक का लक्ष्य है।
लाइफ सेविंग बैंक में तय की गई शुल्क दरेंः-
- लाइफ सेविंग बैंक के लिए विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग दरें तय की गई है।
- क्लास वन श्रेणी से 100 रुपए प्रति माह
- क्लास टू से 50 रुपए प्रति माह
- क्लास थ्री से 30 रुपए प्रति माह
- क्लास फोर से 20 रुपए प्रति माह शुल्क रखा गया है।
हर महीने की दस तारीख को विभागाध्यक्ष शुल्क अपने-अपने विभाग में एकत्रित करेंगे । इसके बाद 15 तारीख को एडीसी कार्यालय काजा में जमा करवाएंगे। जो भी फंड एकत्रित होगा वो हर विभाग के सूचनापट पर प्रदर्शित किया जाएगा। उक्त सारे फंड को एक अलग खाते में जमा करवाया जाएगा। इसके अलावा हर विभाग अपना एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर सकते है जोकि इस बारे में पत्रचार संभाले।
आवेदन कर्ता कम से कम 30 दिन पहले अपना आवेदन बीएमओ कार्यालय में जमा करवाना होगा।
गंभीर मरीज आने परिस्थिति में बीएमओ की अध्यक्षता में दो सदस्यीय चिकित्सकों की कमेटी मदद करने के बारे में फैसला लेगी। इसके बाद में बाद केस लाइफ सेंविग बैंक कमेटी के पास जाएगा। सारे जरूरी दस्तावजों के आंकलन के बाद ही वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।