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केदार जिंदाल के हत्त्याकांड की सीबीआई हो जांच, जिंदाल की पत्नी ने लगाई न्याय की गुहार

पी. चंद, शिमला |

जिस केदार सिंह जिंदाल की पत्नी को अपने पति के क्रिया कर्म में होना चाहिए उस पत्नी हेमलता को  न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। आँखों मे आँसू लिए जिंदाल की पत्नी पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग उठा रही है। उनका कहना है कि सरकार ने जो वायदे उनके साथ किए थे उनमें से एक भी पूरा नही हुआ है। कोई भी नुमान्यन्दा उनके पास नही आया है। उनके पास न तो रहने के लिए घर है न खाने के लिए रोटी।

केदार सिंह जिंदाल को इसलिए मौत के घाट उतारा गया क्योंकि उन्होंने ने 29 जून को प्रेसवार्ता में कहा था कि उनकी जान को ख़तरा है। जिसकी कॉपी डीजीपी को भी दी गई थी जिसमें जिंदाल ने नाम सहित साफ किया था की इन लोगों से ख़तरा है। पहले भी उनके ऊपर जानलेवा हमला हो चुका था लेकिन उनको सुरक्षा उपलब्ध नही करवाई गई। उन्होंने बकरास पंचायत के उप प्रधान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे राजीव चौहान पर भी कुछ आरोप लगाए उसकी भी जांच हो। इस मामले की सीबीआई जांच हो। इसके अलावा दो चश्मदीद गवाहों को भी पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। क्योंकि सिरमौर पुलिस की जांच पर उन्हें विश्वास नही है।

अंबेडकर एसोसिएशन हिमाचल विश्वविद्यालय के साथ आई जिंदाल की पत्नी सयुंक्त वार्ता में बताया कि मेडिकल जांच में सब साफ हो चुका है बाबजुद इसके राजपूत समाज वहाँ पर एट्रोसिटी एक्ट को हटाने की मांग कर रहा है जिससे ज़ाहिर होता है कि इस हत्या में ओर लोग भी शामिल है। सिरमौर में खुंबली प्रथा जो कि खाव पंचायत की तरह काम करती है उसके खिलाफ आवाज़ उठाई थी।

जो सवर्ण समाज को बरदाश्त नही हुई। इसके अलावा भी जिंदाल ने कई सामाजिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई। एसोसिएशन ने मांग उठाई की जिंदाल परिवार को जो भी राहत देने का वायदा किया है सरकार उसको जल्द पूरा करे। जिंदाल को बीईओ ऑफिस में पहले केदार जिंदाल को मारा पीटा गया उसके बाद स्कार्पियो गाड़ी से कुचल दिया गया। उसके बाद पांवटा में पत्नी को शव तक नही दिखाया गया। सुनियोजित तरीके से मौत के घाट उतारा गया।