Categories: हिमाचल

महर्षि वाल्मीकि कैसे बन गए महान कवि, जाने कैसे कर डाली ‘रामायण’ की रचना

<p>आज देश रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि के प्राकट्य दिवस को मना रहा है। पुराणों के अनुसार महर्षि वाल्मीकि का जन्म नागा प्रजाति में हुआ था। मान्यता है कि ऋषि बनने से पहले वे एक डाकू थे जिन्हें रत्नाकर नाम से जाना जाता था। मनुस्मृति के मुताबिक वे प्रचेता, वशिष्ठ, नारद, पुलस्त्य आदि के भाई थे। उनके बारे में एक और किंवदन्ती है कि बाल्यावस्था में ही उनको एक निःसंतान भीलनी ने चुरा लिया था और बड़े ही प्रेम से उनकालालन-पालन किया। उक्त भीलनी के जीवनयापन का मुख्य साधन दस्यु कर्म का था। जिसे वाल्मीकि ने अपने भरण-पोषण के दौरान अपना लिया था।</p>

<p>उनका विवाह उसी समुदाय की एक भीलनी से कर दिया गया। विवाह बाद वे कई संतानों के पिता भी बने और उन्हीं के भरण-पोषण के लिए उन्होंने पाप कर्म को ही अपना जीवन मान लिया। कहा जाता है कि एक बार उन्होंने वन से गुजर रहे साधुओं की मंडली को ही हत्या की धमकी दे दी। साधु के पूछने पर उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वे यह सब अपने पत्नी और बच्चों के लिए कर रहे हैं। तब साधु ने उन्हें समझाया&nbsp; कि जो भी पाप कर्म तुम कर रहे हो, उसका दंड केवल तुम्हें ही भुगतना होगा।</p>

<p>तब साधु ने उन्हें कहा कि तुम जो पाप कर रहे हो जाकर अपने परिवार वालों से पूछकर आओ कि क्या वे तुम्हारे इस पाप के भागीदार बनेंगे। इस बात पर जब उनकी पत्नी और बच्चों ने&nbsp; कहा कि हम आपके इस पाप कर्म में भागीदार नहीं बनेंगे। तब वाल्मीकि ने किए गए पाप कर्म पर बहुत पछतावा हुआ और उन्होंने साधु मंडली को मुक्त कर दिया। साधु मंडली से क्षमा मांग कर जब वाल्मीकि लौटने लगे तब साधु ने उन्हें तमसा नदी के तट पर &#39;राम-राम&#39; नाम जप मन्त्र दिया और इसे पाप कर्म से मुक्ति का मार्ग बताया। लेकिन भूलवश वाल्मीकि राम-राम की जगह &#39;मरा-मरा&#39; का जप करते हुए तपस्या में लीन हो गए। इसी तपस्या के फलस्वरूप ही वह वाल्मीकि के नाम से प्रसिद्ध हुए और रामायण की महान रचना की। इसलिए उन्हें आदिकवि के नाम से पुकारा गया और यही नाम आगे चलकर &#39;वाल्मीकि रामायण&#39; के नाम से अमर हो गए।</p>

<p>जब वाल्मीकि डाकू थे उस दौरान एक बार उन्होंने देखा कि एक बहेलिए ने सारस पक्षी के जोड़े में से नर पक्षी का वध कर दिया और मादा पक्षी जोर-जोर से &zwj;विलाप कर रही है। उसका मादक विलाप सुन कर वाल्मीकि के मन में करुणा जाग उठी और वे अत्यंत दुखी हो उठे।</p>

<p>उस दुखभरे समय के दौरान उनके मुंह से अचानक ही एक श्र्लोक निकल गया- &#39;मां निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः। यत्क्रौंचमिथुनादेकम् अवधीः काममोहितम्।।&#39; अर्थात्- अरे बहेलिए, तूने काम मोहित होकर मैथुनरत क्रौंच पक्षी को मारा है, अब तुझे कभी भी प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं होगी। इस श्र्लोक के साथ ही वाल्मीकि को एक अलग ही ज्ञान प्राप्ति का अनुभव हुआ तथा उन्होंने &#39;रामायण&#39; जैसे प्रसिद्ध महाकाव्य की रचना कर दी। जिसे आम भाषा में &#39;वाल्मीकि रामायण&#39; भी कहा जाता है।</p>

<p>ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण एक ऐसा महाकाव्य है जो हमें प्रभु श्रीराम के जीवन काल का परिचय करवाता है। जो उनके सत्यनिष्ठ, पिता प्रेम और उनका कर्तव्य पालन और अपने माता तथा भाई-बंधुओं के प्रति प्रेम-वात्सल्य से रूबरू करवा कर सत्य और न्याय धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।</p>

<p>आज ऐसे महान संत और आदिकवि का जन्म दिवस है। जो भी किवदंती इनके जीवन के बारे में है वह कितनी सच है ये गले नही उतरती क्योंकि एक डाकू इतना बड़ा महान संत बन गया? वाल्मीकि&nbsp; पढ़े लिखे भी रहे होंगे व विद्वान भी अन्यथा रामायण जैसा ग्रंथ लिखना किसी डाकू के वश के वश की बात तो नही है।</p>

<p>दूसरा त्रेता युग मे जाति पाती के बंधन कैसे रहे होंगे इस पर भी बड़ा सवाल है। एक तरफ राम द्वारा राजमहल से निकाले जाने पर सीता वाल्मीकि की कुटिया में रहने आ जाती है और लव कुश को जन्म&nbsp; जन्म देती है तो दूसरी तरफ राम शम्भूक का वध कर देते है। सबरी के झूठे बैर भी खाते है। तो क्या समय और परिस्थितियों के हिसाब से राम ने अपने आप को ढाल लिया होगा या वाल्मीकि के राम का चरित्र&nbsp; तुलसी दास ने मर्यादापुरुषोत्तम बना दिया।</p>

<p>&nbsp;</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

जीपीएस की गलती बनी जानलेवा: कार नदी में गिरी, तीन की मौत

Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में  एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…

10 hours ago

एनसीसी स्थापना दिवस पर मंडी में रक्तदान शिविर, 50 कैडेटों ने दिखाया उत्साह

NCC Raising Day Blood Donation Camp: एनसीसी एयर विंग और आर्मी विंग ने रविवार को…

10 hours ago

यहां पढ़ने वाले पिछले 65 साल में हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे:धर्माणी

Sundernagar Polytechnic Alumni Meet: मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में रविवार को…

10 hours ago

हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं के आरक्षण पर विचार कर रही सरकार: मुकेश अग्निहोत्री

Himachal Cooperative Sector Development: मंडी जिले के तरोट गांव में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी…

11 hours ago

जीवन में अनुशासन और समय का सदुपयोग जरूरी: पंकज शर्मा

NSS Camp Day 6 Highlights.: धर्मशाला के राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में चल रहे…

12 hours ago

राधास्वामी सत्संग अस्पताल की भूमि के लिए ऑर्डिनेंस लाएगी सुक्खू सरकार

Bhota Hospital Land Transfer: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राधास्वामी सत्संग व्यास अस्पताल भोटा की…

14 hours ago