जवाली विधानसभा क्षेत्र के अधीन नियांगल में पहाड़ी दरकने से मकानों के जमींदोज होने का सिलसिला थमा भी नहीं था कि अब कोटला में पहाड़ी दरकने से चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं वहीं 18 से 20 घरों को खाली करवा लिया गया है इस पंचायत में करीब 700 मकानों पर खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं।
,बुधवार को सुबह कोटला के साथ लगती पहाड़ी दरकने से कोटलावासियों में अफरा-तफरी मच गई। एकाएक लोगों के घरों में मलबा घुस गया तथा लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ भाग गए। कुछ लोगों ने तो घरों का सामान पिकअप में भर लिया तथा अपने रिश्तेदारों के घर ले गए। कुछ लोग तो घरों को खुला छोड़कर भाग गए। ज्यादातर लोगों ने अपने घरों को ताले लगा दिये है लोग काफी सहमे हुए हैं और एक-दूसरे को फोन करके हालचाल जान रहे हैं। जिनमें रहने वाले लोग अपनी-अपनी जान को बचाने के लिए कोटला बाजार में आकर खड़े हो गए हैं।
उपमंडलाधिकारी जवाली महेंद्र प्रताप सिंह भी मौके पर अपनी टीम के साथ कोटला पंचायत का दौरा किया तथा मकानों की क्षति का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी के ऊपर से पानी का अधिक रिसाव होने के कारण पहाड़ी दरकने से आये मलवे की जद मे चार मकानों को क्षति पहुंची है तथा करीबन 18-20 घरों को खाली करवाया गया है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर पानी खड़ा हो गया है तथा यह पानी कहर बरपा रहा है। उन्होंने लोगों को ठहरने के लिए सामुदायिक भवन कोटला व मंदिर कोटला को राहत शिविर बनाया गया है तथा खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि फोरलेन कंपनी को लोगों की हरसंभव सहायता करने का आदेश दिया है।