कितनी भी मुश्किलें क्यों न हो, अगर दृढ़ निश्चय और खुद पर विश्वास हो तो सभी मुश्किलें आसान हो जाती हैं। यह साबित कर दिखाया है ऊना के अजनोली निवासी कृष्णा ने। कृष्णा के हौसलों और मजबूत इरादों ने महिलाओं को आत्म निर्भर बनने की प्रेरणा दी है। उन्होंने जो कला सीखी है, उसे देख कर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है।
कृष्णा एक पेंटर के रूप में काम कर रही हैं और अपना परिवार का भरण पोषण कर रही है। आम तौर पर पेंटर का काम सिर्फ पुरुषों को तो करते देखा जाता है। लेकिन स्कूलों की दीवारों व होर्डिंग पर पेंटिग करती महिला को शायद पहली दफा देखा जा रहा है। कृष्णा के इस जज्बे को हर कोई सलाम करता है।
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एक तरफ जहां गर्मी की बजह से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं, वहीं कृष्णा इस मौसम में भी कड़ी मेहनत में डटी हुई हैं। कृष्णा ने बताया कि वह सिर्फ मैट्रिक तक पढ़ी हैं। शादी के बाद अपने पति के काम में हाथ बंटाने के लिए घर में ही पेंटिग सीखनी शुरू की। उसके बाद काम बढ़ता गया तो काम सीख लिया। इसके साथ ही कृष्णा अपने पति का काम भी संभालने लगी। दोनो पति-पत्नी अब एक साथ पेंटिग का काम कर परिवार पाल रहे हैं। कृष्णा गांव की वार्ड सदस्य भी हैं।आज पढ़े लिखे नौजवान भी इस तरह के कामकाज करने से कतराते हैं, वहीं कृष्णा देवी ने अपने आप में एक मिसाल कायम की है। जिसकी सभी सराहना कर रहे हैं।
कृष्णा को मिले उचित सम्मान
जनहित मोर्चा के अध्यक्ष राजीव भनोट ने कहा कि अगर समाज में कृष्णा की तरह महिलाएं उभर कर सामने आएंगी तो समाज की सोच अपने आप बदलेगी। जहां बेटा-बेटी में भेदभाव किया जाता है, इस सामाजिक कुरीति को दूर करने में भी मदद मिलेगी। इसलिए प्रशासन को कृष्णा को सम्मानित कर एक नई मुहिम शुरू करनी चाहिए।