<p>19 बार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी एवं एशियन गेम्स की खिलाड़ी खिला देवी अब हिमाचल हैंडबाल टीम की कप्तान बन गई है। यही नहीं खिला देवी इसी के साथ हिमाचल की पहली वर्ल्ड यूनिवर्सिटी हैंडबाल खिलाड़ी भी बन गई है। सोमवार से दिल्ली में शुरू हुई राष्ट्रीय महिला हैंडबाल प्रतियोगिता में कप्तान खिला देवी अपनी टीम के साथ स्वर्ण पदक हासिल करने मैदान में उतर गई हैं।</p>
<p>खिला देवी ने प्रदेश हैंडबाल संघ के अध्यक्ष भरत साहनी और महासचिव नंद किशोर का इस जिम्मेदारी के लिए आभार प्रकट किया है। एक बेटी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सच में बेटी अनमोल है। दुर्गम गांव की एक बेटी जहां न तो सड़क की सुविधा है और न ही पानी उस गांव की बेटी ने प्रदेश, जिला, देश व परिवार का नाम विश्वभर में रोशन कर दिया है। बंजार उपमंडल के तहत पड़ने वाली ग्राम पंचायत चकुरठा के जैणी गांव की बेटी 18वीं एशियन गेम्स इंडोनेशिया में अपने बुलंद हौसलों का फूल खिलाने के बाद हिमाचल हैंडबाल की कप्तान बन गई है।</p>
<p>जैणी गांव की इस अनमोल बेटी खिला देवी का चयन पहले अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय चैंपियनशिप के लिए हुआ। इसके बाद 18वीं एशियन गेम्स इंडोनेशिया के लिए हुआ। खिला देवी 18 अगस्त 2018 से लेकर 2 सितंबर तक 18वीं एशियन गेम्स जकार्ता इंडोनेशिया में होने वाली हैंडबाल प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। इससे पहले खिला देवी 19 बार राष्ट्र स्तरीय हैंडबाल प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं। इसमें एक गोल्ड, एक सिल्वर व तीन ब्राउंज देश के लिए जीतकर लाई है। जबकि स्टेट लेवल हैंडबाल प्रतियोगिता में खिला देवी पांच बार गोल्ड मैडल, 4 सिल्वर और 4 ही ब्राउंजस मैडल जीते हैं।</p>
<p>हैंडबाल प्रतियोगिता में खिला देवी के हौसलें इतने बुलंद हैं कि उनके हौसलों के आगे बड़े-बड़े खिलाड़ी पस्त हो जाते हैं। खिला देवी का जन्म एक गरीब परिवार किसान के घर में जैणी गांव में हुआ। एक ऐसे गांव में खिला देवी जन्मी जहां पर आज के समय में सड़क का निर्माण हो रहा है और न ही पीने का पानी है। खिला देवी के गांव के लोगों को पीने के लिए पानी तीन किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है।</p>
<p>वहीं, खिला देवी ने हर दिन पांच किलोमीटर पैदल चलकर पहली से लेकर 12वीं तक की शिक्षा थाटीबीड़ स्कूल में हासिल की। थाटीबीड़ स्कूल से ही खिला देवी ने हैंडबाल प्रतियोगिता में महारथ हासिल की और अपने हौसलों को डगमगाने नहीं दिया। जिला से लेकर स्टेट और स्टेट से लेकर राष्ट्र स्तर तक खिला का चयन इस प्रतियोगिता के लिए होता रहा।</p>
<p>अब खिला देवी हिमाचल हैंडबाल की कप्तान एवं हिमाचल की पहली वर्ल्ड यूनिवर्सिटी हैंडबाल खिलाड़ी भी बन गई है। खिला देवी का खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। खिला देवी के गांव व परिवार में भी खुशी का माहौल है। खिला देवी के पिता खेमराज ने बताया कि उनकी बेटी ने जो काम कर दिखाया है उससे आज पूरे गांव का नाम विश्वभर में रोशन हुआ है।</p>
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