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कुल्लू: मांगों को लेकर सांकेतिक धरने पर बैठे लाहौल-स्पीति के लोग

<p>जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय कुल्लू में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन किसान सभा के अध्यक्ष सुदर्शन जस्पा की अध्यक्षता में किया गया। गौर रहे कि शीतमरूस्थल जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में इस वर्ष समय से पहले हुई भारी बर्फबारी से फसलों को नुकसान हुआ है। लेकिन सरकार ने अब तक घाटी के किसानों और बागवानों को राहत नहीं दी है। इसके चलते लाहौल-स्पीति के किसानों-बागवानों में सरकार के प्रति रोष पनपा हुआ है।</p>

<p>लाहुल घाटी किसान मंच के बैनर तले सैकड़ों किसान उपायुक्त कुल्लू के कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरने पर भी बैठे। मंच के अध्यक्ष सुदर्शन जस्पा ने बताया कि जनजातीय जिला लाहुल स्पीति में सितंबर माह में हुई बर्फबारी से किसानों बागवानों को भारी नुकसान पहुंचा है, लेकिन प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से यहां के किसानों-बागवानों को राहत प्रदान करने के लिए अभी तक किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि लाहुल-स्पीति के किसान-बागवानों के साथ केंद्र और जयराम सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।</p>

<p>सुदर्शन जस्पा ने कहा है कि 22 सितंबर को हुई बर्फबारी से सेब से लदे लाखों पेड़ जमींदोज हो गए हैं। आलू और अन्य नगदी फसलें बर्फबारी से खेतों में ही तबाह हो गई। त्रासदी के करीब तीन महीने बाद भी राज्य और केंद्र सरकार की ओर से किसान-बागवानों को किसी भी तरह की सहायता न देना दुर्भाग्यपूर्ण है जिसको लेकर लाहुल की जनता में भारी रोष है। जस्पा ने कहा कि केंद्र सरकार की गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण बीज आलू की सप्लाई पर पाबंदी लगने से लाहुल आलू की छवि देशभर में खराब हुई है।</p>

<p>भारत सरकार के राजपत्र में लाहुल घाटी समेत हिमाचल से बीज आलू के अन्य राज्यों में आपूर्ति पर पाबंदी हटाए जाने के बावजूद अन्य राज्यों के व्यापारी अब भी लाहौली बीज आलू को खरीदने में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके अलावा घाटी में बुनियादी सुविधाएं बिजली, दूरसंचार, सड़कें, लाहुल की आवाजाही हेतू स्थायी प्रावधान न होना, रोहतांग दर्रा बंद होने की सूरत में लोगों को टनल या हेलीकॉप्टर के माध्यम से घाटी से बाहर भेजने की व्यवस्था न होना सहित अन्य कई समस्याओं के चलते घाटी के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इन सभी समस्याओं और मांगों को लेकर सोमवार को उन्होने कुल्लू के ढालपुर मैदान में घरना दिया।</p>

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