धर्मशाला: राज्य मानव अधिकार आयोग के तत्वावधान में आज शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। आयोग के सदस्य पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. अजय भंडारी ने शिविर की अध्यक्षता करते हुए आयोग द्वारा दी जा रही सेवाएं और मानव अधिकार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जानकारी के अभाव के चलते बहुत से लोग अपना जीवन यापन उस प्रकार से नहीं कर पाते हैं जिस प्रकार जीवन जीने के लिए उन्हें अधिकार उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद मानव अधिकारों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस दिशा में कार्य प्रारंभ किया गया था।
उन्होंने बताया कि भारत में इसकी पालना के लिए वर्ष 1993 में कानून निर्मित किए गए जो मानव अधिकारों को सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि आयोग समाज के सबसे निम्न वर्ग, गरीब, असहाय, वृद्ध तथा वंचित वर्गों के लोगों को उनके जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए उपलब्ध संसाधनों के उपयोग एवं अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों की जानकारी हर वर्ग तक पहुंचाने में जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संस्थाओं, सरकारी कार्यालयों का योगदान महत्वपूर्ण हो सकता है।
उन्होंने कहा आयोग का प्रयास है कि समय-समय पर ऐसे शिविरों का आयोजन कर लोगों को उनके अधिकारों बारे जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति मानव अधिकारों का हनन अनुभव करता है तो वे अपनी शिकायत राज्य मानव अधिकार आयोग को सादे कागज में लिख कर दे सकता है, जिसके लिए उसका किसी भी प्रकार का खर्चा नहीं आएगा। भंडारी ने कहा कि मानव अधिकार आयोग सबको जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सबसे महत्वपूर्ण, व्यक्ति की गरिमा के अधिकार की सुरक्षा प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि यह सभी अधिकार हमें संविधान द्वारा प्रदान किए गए हैं। शिविर में एसडीएम धर्मशाला धर्मेश रमोत्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्य एवं पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।