दिन तक लगातार हुई मूसलाधार प्रलयकारी बारिश के बाद खुले मौसम में भी मंडी में जिंदगी पटरी पर लौटते नजर नहीं आई बल्कि और अधिक बेपटरी होती जा रही है। जिले के अधिकांश क्षेत्रों में चार दिन से बिजली गुल है। जिला मुख्यालय मंडी में हजारों लोग चार दिनों से बिजली पानी के बिना नारकीय हालत में जीने को मजबूर हैं। मोबाइल नेटवर्क ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। शहर के बीचों बीच विश्वकर्मा मंदिर के साथ उपर से आए पहाड़ ने पूरा मार्ग बंद कर दिया है। इसके उपर बड़ी बस्ती है जिसके आधा दर्जन मकान खतरे में हैं।
यहां से लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित जगह पर भेजा गया है। यही नहीं किराए पर रह रहे लोगों को रातों रात अपना सामान समेट कर दूसरी जगहों पर जाकर शरण लेनी पड़ी है। विश्वकर्मा मंदिर के पास मंगलवार शाम को एक भाग को लोगों के चलने के लिए थोड़ा सा खोला गया मगर बाद में यहां से भी आवाजाही बंद कर दी गई। कालेज रोड़ व रामनगर का संपर्क बहाल होने में कई दिन लग सकते हैं क्योंकि बड़ा भूसख्लन हुआ है
और लगातार उपर से पत्थर मलबा गिर रहा है। उपमंडलाधिकारी मंडी ने धारा 144 का प्रयोग करते हुए शहर के एक बड़े भाग रामनगर से होकर आना जाना बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी। सड़कें बंद होने से बाहर से दूध, ब्रैड की सप्लाई पहले ही बाधित है। ग्रामीण सड़कें बंद होने से दूध की स्थानीय सप्लाई भी चार दिनों से बंद हैं। ऐसे में लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
प्रलयकारी बारिश व सुकेती खड्ड में आई अभूतपूर्व बाढ़ ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है और करोड़ों अरबों का नुकसान कर दिया है। सरकाघाट नगर परिषद के टटीह वार्ड में अशोक गुलेरिया पुत्र रणजीत गुलेरिया का तीन मंजिला मकान नई कार सारे समान के साथ जमींदोज हो गया। इसका साथ ही यहां पर तीन और मकान खतरे में है।
इसका विडियो देख कर रोंगटे खड़े हो रहे हैं। बल्ह घाटी के चंडयाल में देश राज एसोसिएशट के एल वन अंग्रेजी शराब का गोदाम तथा सीनू इंटरप्राइजिज एल 13 का गोदाम सुकेती खड्ड की बाढ़ की चपेट में आ जाने से पूरी तरह डूब गया और उसमें रखी 10639 अंग्रेजी शराब बीयर की पेटियां व 1941 देसी शराब की पेटियां मलबे में दब कर खत्म हो गई। उपायुक्त राज्यकर एवं आबकारी जिला मंडी मनोज डोगरा ने बताया कि टीम ने नुकसान का निरीक्षण किया है और इसका आकलन किया जा रहा है।
इधर, मंडी शहर के साथ लगते गांव शिल्हाकीपड़ में बादल फटने से हुए नुकसान जिसमें कई लोगों के घर टूट गए हैं का निरीक्षण विधायक अनिल शर्मा , उपायुक्त अरिंदम चौधरी व पार्षद राजेंद्र मोहन ने किया तथा प्रभावितों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया। मंडी शहर के साथ लगती मांथला पंचायत के गांव घेरा में महेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, तारा चंद, सुंदर लाल आदि के घरों को जमीन के धंस जाने से खतरा पैदा हो गया। इनके घरों में दरारें आ जाने से इन्हें दूसरे लोगों के घरों में जाकर शरण लेनी पड़ी है। इलाका पटवारी ने बुधवार को मौके पर पहुंच कर नुकसान का आकलन किया है।
बल्ह विधानसभा की कसारला पंचायत के गांव गरौड़ू में पिछले दिनों पंचायत ने अवैज्ञानिक तरीके से बिना बजट से निकाली एक सड़क के लिए की गई कटिंग ने कहर मचाया है। इससे गांव गरौड़ू़ के सुख लाल वर्मा, ओम प्रकाश, जगदीश चंद, कमला देवी के मकानों को खतरा हो गया। पीछे से आई पहाड़ी ने इनकी जमीन को तो लील लिया, उसके साथ ही 150 से भी अधिक आम, लीची, अमरूद आदि के पौधे भी इसकी चपेट में आकर खत्म हो गए। पीछे से दरक रही पहाड़ी कभी भी मकानों पर कहर बन कर टूट सकती है व जान माल का और नुकसान हो सकता है। प्रभावितों ने बल्ह प्रशासन से मौका करके उचित मुआवजा देने का आग्रह किया है।
बल्ह घाटी के ही भड़याल में सुकेती खड्ड की तबाही से बिहारी लाल गुप्ता, कर्म सिंह सैणी, हरी सिंह सैणी, मनु पाईप की फेक्टरी, कंशु पाइप फेक्टरी,वर्मा पाइप फेक्टरी, एम के इंटरप्राइजिज, मनीष रजाई उद्योग, बलबीर करयाण स्टोर, धीरज फेक्टरी स्टोर व अन्य दुकानों में दस दस फीट तक पानी भर जाने से सब कुछ बह गया व खत्म हो गया। करोड़ों का नुकसान हुआ है।
उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि जिले की 232 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हैं जबकि 1209 बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके अलावा 541 पेयजल की स्कीमें अभी तक भी ठप पड़ी हैं। उन्होंने लोगों से इस आपदा से निपटने तथा स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सहयोग की अपील की है।
मंडी कुल्लू, मंडी पठानकोट समेत मंडी को जोड़ने वाले अधिकांश रास्ते लगातार चौथे दिन भी बंद रहे। मंडी से चंडीगढ़ वाला मार्ग खुला है मगर वह भी बीच बीच में बंद हो रहा है तथा ल्हासे गिरने से खतरनाक बना हुआ है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद ने बताया कि मंडी से कुल्लू का रास्ता 6,7,8,9 मील तथा पंडोह बांध के आगे सड़क के टूट जाने व चट्टानंे गिरने से बंद है जिसे खुलने में दो सप्ताह का समय लग जाएगा।
ऐसे में अब डडौर चैलचौक गोहर पंडोह होकर जो विकल्प कुल्लू मनाली जाने का था वह भी खत्म हो गया है। आइआइटी कमांद कटौला कांडी बजौरा होकर जाने वाला मार्ग कभी कभी खुल रहा है मगर उसमें भी खतरा बहुत है। कुल्लू मनाली लाहुल व लेह को सप्लाई ले जाने वाले बड़े वाहन पांच दिनों से मंडी के बिंदरावणी, नागचला फोरलेन व अन्य जगहों पर खड़े हैं जिनके सैंकड़ों चालक व अन्य कर्मचारी भारी परेशानी में हैं। इन्हें गुरूद्वारा, रेडक्रास व अन्य समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से खाने आदि का प्रबंध किया जा रहा है।
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…
High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…
NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…
Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…
Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…
Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…