<p>अवैध खनन से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए हैं। मुख्य सचिव को दो अगस्त को हाजिर रहने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई दो अगस्त हो होगी। वहीं, न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश चंद्रभूसन बारोवालिया की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान उद्योग सचिव से यह पूछा है कि नदी के किनारों पर कुल कितना क्षेत्र खनन के लिए उपलब्ध है।</p>
<p>बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश में थोड़ी सी भूमि से खनिज पदार्थों को निकाले जाने की जानकारी कोर्ट को दी थी। पर न्यायालय के समक्ष रखे तथ्यों के अनुसार 44040 हेक्टेयर भूमि पर भरपूर मात्रा में खनिज उपलब्ध है और मात्र 2350 हेक्टेयर भूमि से खनिज निकालने की स्वीकृति प्रदान की गई है।</p>
<p>हालांकि 42050 हेक्टेयर भूमि से खनिज पदार्थों का दोहन किया जा सकता है। पर इसके लिए ज्वाइंट इंस्पेक्शन कमेटी द्वारा भूमि लीज पर नहीं दी गई है। उधर, आज प्रदेश भू-वैज्ञानिक को स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया था। न्यायालय ने भू वैज्ञानिक द्वारा दायर शपथ पत्र का अवलोकन किया और पाया कि वह अकेले इस कार्य को नहीं संभाल सकते। हाईकोर्ट यह उचित समझा कि इस समस्या के निदान के लिए मुख्य सचिव का सहयोग लिया जाए।</p>
<p>कोर्ट ने मुख्य सचिव को इस बाबत सहयोग करने के लिए कोर्ट के समक्ष 2 अगस्त को हाजिर रहने के आदेश जारी किए हैं। मामले पर सुनवाई 2 अगस्त को होगी।</p>
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