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फोरलेन निर्माण में बाहरी मजदूरों को प्राथमिकता पर उठे सवाल

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हिमाचल बिल्डिंग, कंस्ट्रक्शन व मनरेगा मजदूर संगठन ने नारला से मंडी फोरलेन निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय लोगों को हो रही समस्याओं को लेकर एडीसी मंडी को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने मांग की कि फोरलेन के निर्माण में प्रभावित लोगों को रोजगार और पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जाए।

संगठन ने बताया कि फोरलेन के कारण कई स्थानीय लोगों की जमीन, घर और गौशालाएं अधिग्रहित कर ली गई हैं। इसके बावजूद फोरलेन निर्माण में बाहरी मजदूरों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि स्थानीय लोगों को रोजगार से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने यह भी मांग की कि जिनकी जमीन और मकान प्रभावित हुए हैं, उन्हें नया घर और गौशाला बनाने के लिए समय दिया जाए या प्रशासन द्वारा उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

यूनियन ने कंपनी और प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि निर्माण कार्य के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के स्रोत, गांवों की सड़कें और रास्ते बाधित न हों। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर किया जाए।

साहल को नई पंचायत बनाने की मांग
इंटेक के प्रदेश उपाध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि मंडी जिले की साहल पंचायत, जिसकी जनसंख्या लगभग 1500 है, को नई पंचायत घोषित किया जाए। हितेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि पिछली भाजपा सरकार के समय साहल को अलग पंचायत घोषित नहीं किया गया, जिससे स्थानीय लोगों में रोष है। उन्होंने वर्तमान प्रदेश सरकार से साहल को जल्द नई पंचायत का दर्जा देने की मांग की।