Follow Us:

एल.एस.डी. का जहर: चिट्टे के बाद अब हिमाचल में पैर पसार रहा और भी घातक नशा

|

  • हिमाचल में एल.एस.डी. (LSD) नामक खतरनाक नशे की दस्तक, चिट्टे के बाद नशे की एक नई और भयावह लहर

  • मणिकर्ण में केरल निवासी युवक अरविन्द से 0.28 ग्राम एल.एस.डी. और 12.33 ग्राम चरस बरामद

  • ‘आर्ट कैफे एंड पार्वती होम स्टे’ में छापेमारी के बाद एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 और 22 के तहत मामला दर्ज



LSD drug Himachalहिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ लड़ाई अब और गंभीर हो चली है। जहां चिट्टे ने युवा पीढ़ी को जकड़ा, वहीं अब एल.एस.डी. (LSD) नामक खतरनाक सिंथेटिक ड्रग राज्य में दस्तक दे चुका है। ताज़ा मामला कुल्लू जिले के मणिकर्ण क्षेत्र से सामने आया है, जहां पुलिस ने ‘आर्ट कैफे एंड पार्वती होम स्टे’ में छापेमारी कर एक केरल निवासी युवक अरविन्द के कब्जे से 0.28 ग्राम एल.एस.डी. और 12.33 ग्राम चरस बरामद की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कमरा नंबर 101 की नियमानुसार तलाशी के दौरान अरविन्द (उम्र 20 वर्ष), पुत्र विजु, निवासी वलियाकुलंगरा, आलाप्पुड़ा (केरल) से यह सिंथेटिक नशा और चरस बरामद हुई। मादक पदार्थों की जब्ती के बाद पुलिस थाना मणिकर्ण में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 व 22 के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह खतरनाक नशा कहां से आया और इसकी सप्लाई चैन में कौन-कौन शामिल है।

क्या है एल.एस.डी. (LSD)?
एल.एस.डी. यानी लाइसरजिक एसिड डाइएथिलामाइड, एक सिंथेटिक साइकोएक्टिव पदार्थ है जो अत्यंत मात्रा में ही मस्तिष्क को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसे ब्लॉटिंग पेपर, टैबलेट या जेल फॉर्म में लिया जाता है। इसकी एक माइक्रो मात्रा भी हैल्यूसिनेशन, यानि वास्तविकता से परे अनुभव करवा सकती है। इसका लंबे समय तक सेवन व्यक्ति की मानसिक स्थिति को पूरी तरह बिगाड़ सकता है, और यह कई बार आत्मघाती प्रवृत्तियों को जन्म देता है।

हिमाचल जैसे शांतिपूर्ण राज्यों में इस प्रकार का उच्च स्तर का साइकोट्रॉपिक नशा आना, सुरक्षा एजेंसियों और समाज के लिए गहरी चिंता का विषय है। चरस और चिट्टे के बाद अब एल.एस.डी. का बढ़ता प्रचलन, ड्रग माफियाओं के नए नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जो युवाओं को निशाना बना रहे हैं।

फिलहाल, आरोपी अरविन्द से पूछताछ जारी है और पुलिस इस नशे की खरीद-फरोख्त की कड़ी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में और खुलासे संभव हैं।