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मंडी में लंपी चर्मरोग से पशुधन त्रस्त, सरकार व प्रशासन पीएम की रैली में मस्त: किसान सभा

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पशुओं में लंपी चर्म रोग को लेकर मांग पत्र उप मंडलाधिकारी (नागरिक) बल्ह ऑफिस सुपरीटेंडेंट के मार्फ़त, हिमाचल किसान सभा, बल्ह के अध्यक्ष प्रेम दास चौधरी की अगुवाई में मुख्यमंत्री, शिमला को दिया गया. जिसमे कहा गया कि सरकार के पशुपालन विभाग की लचर व्यवस्था के चलते हिमाचल प्रदेश में लंपी चर्म रोग से संक्रमण के मामले प्रतिदिन बढ़ रहे हे लेकिन किसानों के पशुधन की कोई चिंता नहीं हे और आजकल सरकार व प्रशासन चुनावी सभा में व्यस्त हैं और प्रदेश के किसनों की कोई परवाह नहीं है.

दूसरी तरफ पशुपालन विभाग लंपी को महामारी बता रहा है तो राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इसे महामारी मानने से आनाकानी कर रहा है. मंत्री ने विधानसभा में पशु की मौत पर मुआवजा देने की घोषणा तो की लेकिन घोषणा अभी तक भी ज़मीन पर नहीं उतरी. मुआवजा देने के नियम अभी तक स्पष्ट नहीं है.

किसान सभा, के उपाध्यक्ष जोगिन्दर वालिया ने इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाने चाहिए थे उसमें सरकार बिलकुल नाकाम रही है अत: सरकार जल्दी मुआवजे के लिए अधिसूचना जारी करे व् पशुपालकों को शीघ्र मुआवजा दिया जाए,महामारी की अधिसूचना जारी होने की तिथि से पहले लंपी रोग से मरे पशुओं के लिए भी मुआवजा दिया जाए,जिन पशुपालकों ने ऋण लेकर गाय खरीदी थी और मर गई, उनका ऋण माफ किया जाए.

टीकाकरण मुहिम तेज की जाए,वायरस की रोकथाम के लिए औषधालयों में दवाइयां और इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाएं,महामारी में काम कर रहे डॉक्टरों और स्टाफ के लिए वाहनों की व्यवस्था की जाए,बीमारी के कारण जिन परिवारों में रोग के कारण दूध कम हुआ है उन परिवारों को भी मुआवजा दिया जाये .

रोशन लाल ने कहा की जिला में पशुपालन विभाग का ढांचा बहुत कमज़ोर है जो महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है. सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए और इस महामारी से निपटने के लिए स्पेशल फंड का इंतजाम करना चाहिए. अत: मांग की जाती हे कि सरकार जल्दी से पशुओं को पर्याप्त इलाज/वैक्सीनेशन करे व लंपी बीमारी को को महामारी घोषित किया जाये .

प्रतिनिधिमंडल में प्रेम दास चौधरी, जोगिन्दर वालिया, रामजी दास, गुलाम रसूल, रोशन लाल , कैप्टन प्रेम दास, पन्ना लाल, सोहन लाल, भूरा राम ब हेम सिंह शामिल रहे .