पोषण माह के अंतर्गत शुक्रवार को धर्मशाला के सकोह वृत्त में ‘टेस्ट, टॉक एंड ट्रीट एनिमिया’ तथा ‘पढ़ाई भी और पोषण भी’ विषयों पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बाल विकास परियोजना अधिकारी रमेश जागवान ने बताया कि शिक्षा, आयुष विभाग व स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों ने इस दौरान पौषाहार को लेकर महिलाओं को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी बबिता गौतम ने इस दौरान क्षेत्र की महिलाओं और किशोरियों को एनीमिया के उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गर्भ धारण करने से 3 महीने पहले ही फोलिक एसिड की खुराक लेनी शुरू कर देनी चाहिए और बच्चे के जन्म के बाद भी आयरन व कैल्शियम की खुराक जारी रखनी चाहिए। उन्होंने बताया, बच्चे के जन्म से लेकर अगले एक हजार दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं और अगर इस दौरान सभी सावधानियां बरत ली जाएं तो आगे कोई भी मुश्किल नहीं आती है। उनके मुताबिक पतरोड़ू व लिंगड़ू जैसे पारंपरिक व्यंजनों के नियमित इस्तेमाल से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है।
उपस्थित महिलाओं को सलाह देते हुए उन्होंने कहा की प्रत्येक महिला को, चालीस साल की आयु के उपरांत अपना मेमोग्राफी टेस्ट करवाते रहना चाहिए जिससे हमे समय रहते स्तन केंसर व सर्वाइकल केंसर के बारे में मालूम हो जाता है। उबले हुए पानी का उपयोग करने से टाइफायड और डायरिया जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने खाने पीने में हमे रिफाइंड तेल व चीनी का इस्तेमाल कम करना चाहिए। चीनी की जगह गुड का प्रयोग करना चाहिए और ज्यादा तली या भूनि चीजें नहीं खानी चाहिए।
रमेश जागवान ने बताया कि कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ‘सही पोषण तो देश रोशन’ शीर्षक पर रंगोली बनाई गई। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पारम्परिक व्यांजनों की प्रदर्शनी लगा कर इनके उपयोग के लिए सबको प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंत में दो महिलाओं की गोद भराई की रस्म भी पूरी की गई।उन्होंने बताया कि वृत पर्यवेक्षक पुष्पा, स्थानीय पार्षद अनुज धीमान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित करीब 70 महिलाओं व बच्चों ने कार्यक्रम में भाग लिया।