हिमाचल

स्वास्थ्य संस्थानों में रोगियों को बेहतर सुविधाएं करवाएं उपलब्ध: उपायुक्त

जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो, इसके लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाओं और कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बुधवार को डिस्ट्रिक्ट क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी तथा डिस्ट्रिक्ट बायोमेडिकल वेस्ट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। डीसी ऑफिस में आयोजित इस बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील शर्मा सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्वास्थ्य संस्थानों में क्वालिटी एश्योरेंस और स्वच्छता से संबंधित सभी मानकों की अनुपालना सुनिश्चित करें। बैठक में कायाकल्प, नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस), परिवार नियोजन, मातृत्व स्वास्थ्य, बायोमेडिकल वेस्ट का निपटान एवं प्रशिक्षण, इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना, डायग्नोस्टिक लैब की गुणवत्ता एश्योरेंस तथा संस्थानों में स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े विषयों की विस्तार से समीक्षा हुई।

कायाकल्प के तहत मिल रहा वित्तीय प्रोत्साहन

उपायुक्त ने बताया कि वर्ष 2022-23 में जिले के 49 स्वास्थ्य संस्थानों को कायाकल्प के तहत 56 लाख 75 हजार रूपये का वित्तीय प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व वर्ष 2021-22 में 30 और वर्ष 2020-21 में केवल 24 स्वास्थ्य संस्थान कायाकल्प कार्यक्रम के अन्तगर्त वित्तीय प्रोत्साहन प्राप्त कर रहे थे। जिलाधीश ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अगले वर्ष इसकी संख्या बढ़ाते हुए जिले के अधिकतम स्वास्थ्य संस्थानों को कायाकल्प के मानकों के अनुरूप संचालित करने के निर्देश दिए।

एनक्यूएएस प्रमाणिकता के लिए करें प्रयास

डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला प्रदेश का पहला संस्थान बना है जिसने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) के साथ ‘लक्ष्य’ प्रमाणन की उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बताया कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते धर्मशाला अस्पताल ने यह उपलब्धि प्राप्त की। जिसके तहत जोनल अस्पताल धर्मशाला को हर वर्ष स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हेतु वित्तीय मदद भी मिल रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को भी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) के अनुसार प्रमाणित करवाने की दिशा में प्रयास किए जाएं।

डायग्नोस्टिक लैब भी होंगी क्वालिटी अश्योर्ड

उपायुक्त ने बताया कि जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में चल रही डायग्नोस्टिक लैब को भी क्वालिटी एश्योरेंस मानकों के अनुरूप पंजीकृत करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल जोनल अस्पताल धर्मशाला, सिविल अस्पताल पालमपुर, फतेहपुर, थुरल और सिविल अस्पताल नूरपुर की डायग्नोस्टिक लैब ईक्यूएएस (एक्सटर्नल क्वालिटी एश्योरेंस सिस्टम) के तहत पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से बैजनाथ, इंदौरा, भवारना, शाहपुर, ज्वालामुखी, देहरा, नगरोटा बगवां और कांगड़ा के सिविल अस्पताल के साथ सीएचसी बीड़ को भी इसके तहत आने वाले दिनों में पंजीकृत किया जाएगा।

बेटी के जन्म उपरांत भी करें परिवार नियोजन

डीसी ने बताया कि बेटी के जन्म के उपरांत भी लोगों को परिवार नियोजन की दिशा में सोचना चाहिए। उन्होंने बताया कि ऐसे परिवारों को इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत सरकार द्वारा वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि एक बेटी के जन्म के बाद परिवार नियोजन करने वाले परिवार को 35000 रूपये तथा दो बेटियों के जन्म के बाद परिवार नियोजन करने वाले परिवार को बेटियों के लिए 25000 रूपये सरकार द्वारा दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में ऐसा करने वाले 14 परिवारों को वर्ष 2022-23 के लिए तीन लाख पच्चास हजार रूपये का वित्तीय प्रोत्साहन दिया गया है। वहीं वर्ष 2023-24 में अभी तक 8 परिवार बेटी के जन्म के बाद परिवार नियोजन कर चुके हैं।

95 प्रतिशत संस्थान पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा ऑथोराइज

उपायुक्त ने बताया कि अस्पताल के बेहतर संचालन के लिए स्वच्छता एक बहुत आवश्यक घटक है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बायोमेडिकल वेस्ट का निपटान पूरी सतर्कता और मानकों के अनुरूप करें। उन्होंने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 95 प्रतिशत स्वास्थ्य संस्थान पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा ऑथोराइज है तथा बचे हुए स्वास्थ्य संस्थानों में भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम चल रहा है जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बायोमेडिकल वेस्ट के प्रबंधन को लेकर वर्ष 2022-23 में जिले के 219 चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया गया है।

यह रहे उपस्थित

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. सुशील शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश गुलेरी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश सूद, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. तरुण सूद, जिला गुणवत्ता अधिकारी डॉ. दीपिका सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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