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मंडी: कोरोना काल में अनुकरणनीय पहलः सिर्फ दुल्हा गया दुल्हन लाने, माता-पिता ने वर्चुअली दिया आशीर्वाद

<p>जहां इस समय शादियों का सीजन जोरों पर है, वहीं, कोरोना की दूसरी लहर ने भी देश भर के लोगों की नाक में दम कर रखा है। सरकार व प्रशासन की लाख कोशिश के बावजूद भी लोग छुप छुपाके एकत्रित हो रहे हैं, जश्न मना रहे हैं, नाच गाने चल रहे हैं, डीजे की धुने भी बज रही हैए तो मंडी में एक परिवार ने अनूठी मिसाल पेश करते हुए दुल्हे को अकेले ही अहमदाबाद भेज दिया और खुद सारी शादी को बर्चुअली देख कर ही संतोष किया व वर बधु को आशीर्वाद दिया। दुल्हा प्रांशुल सैणी मंडी में एक संस्थान चलाता है और उसके पिता परस राम सैणी यहां के जमा दो स्कूल में प्रधानाचार्य हैं।</p>

<p>मंडी के परस राम सैनी और उनके परिवार ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है। इकलौते बेटे की शादी के सारे अरमानों को छोड़ते हुए परिवार ने इतने सूक्ष्म रूप में शादी समारोह किया कि वर-वधु को माता-पिता ने वर्चुअली आशीर्वाद दिया। महामारी के इस दौर में सरकार ने शादियों पर पाबंदियां तो नहीं लगाई हैं लेकिन उसमें जुटने वाली भीड़ को कम करने की बंदिशें जरूर लगाई हैं। बावजूद इसके लोग भीड़ जुटाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मंडी शहर निवासी परस राम सैनी और उनके परिवार ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जिसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है।&nbsp;</p>

<p>सीनियर सकैंडरी स्कूल बॉयज मंडी के प्रधानाचार्य परस राम सैनी के इकलौते बेटे प्रांशुल सैनी की शादी की तारीख फरवरी महीने में ही तय हो गई थी। पिता के अपने बेटे की शादी को लेकर कई अरमान थेए लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाना शुरू किया कि शादियां सूक्ष्म रूप में होने लगी। बारात मंडी से गुजरात के अहमदाबाद जानी थी। ऐसे में परिवार ने दुल्हन लाने के लिए सिर्फ दुल्हे को ही भेजना उचित समझा। दुल्हा प्रांशुल हवाई यात्रा से अहमदाबाद पहुंचा और आज मनोवी के साथ सात फेरे लिए।</p>

<p>प्रांशुल के माता-पिता ने अपने बेटे की शादी में वर्चुअली भाग लिया और घर बैठे अहमदाबाद में जारी शादी समारोह को देखा और उसमें भाग लिया। यहीं से ही उन्होंने वर-वधु को वर्चुअली आशीर्वाद भी दिया। परस राम सैनी ने बताया कि उन्हें बेटे की शादी में शामिल न होने का मलाल तो है लेकिन शादी का जो मूल महत्व है उसके पूरा होने की खुशी भी है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि भीड़ इकट्ठी करके ही शादियां की जाएं। जब समाज पर आफत हो तो ऐसे समारोह को टालना ही बेहतर है।</p>

<p>प्रांशुल अपने माता-पिता का इकलौता चिराग है। बड़ी बहन की शादी वर्ष 2012 में हो चुकी है। प्रांशुल सैनी ने आइआइटी गांधीनगर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद जर्मनी और अमेरिका में रिसर्च की। गुजरात के अहमदाबाद में नौकरी के दौरान उनकी मुलाकात मनोवी से हुई और दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। वहीं उनके पिता परस राम सैनी और माता नीरा सैनी ने अपने घर पर वर्चुअली माध्यम से शादी समारोह में भाग लिया और अन्य रिश्तेदार भी इस शादी में अपने घरों से वर्चुअली ही जुड़े और वर-वधु को आशीवार्द दिए।</p>

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