Follow Us:

मंडी: स्वास्थ्य विभाग जोनल अस्पताल में नहीं भेज पाया कंसल्टेंट, DNB ने वापस बुलाए चारों प्रशिक्षु डॉक्टर

बीरबल शर्मा |

राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की नाकामी के कारण जोनल अस्पताल मंडी को डीएनबी यानी डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड की तरफ से मिली चार सीटें हाथ से खिसक गई हैं। डीएनबी की इन सीटों के लिए विभाग को संबंधित अस्पताल में दो कंसल्टेंट नियुक्त करने होते थे। लेकिन जोनल अस्पताल मंडी में सिर्फ एक कंसल्टेंट ही तैनात होने के कारण इन सीटों को वापस ले लिया गया है। 

बता दें कि डीएनबी यानी डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड एमबीबीएस करने के बाद प्रशिक्षु डॉक्टरों को 3 साल के लिए ट्रेनिंग पर भेजता है। यह ट्रेनिंग एमडी के बराबर की मानी जाती है। यह प्रशिक्षु डॉक्टर दो कंसल्टेंट के अधीन कार्य करते थे। कंसल्टेंट सिर्फ उसी डॉक्टर को बनाया जाता है जिनकी पीजी के बाद 8 साल की सेवा हो चुकी हो। गायनेकॉलोजिस्ट डा. अरूण भारद्वाज और डा. संदीप राठौर कंसल्टेंट की भूमिका निभा रहे थे। लेकिन कुछ समय पहले डा. संदीप राठौर को प्रमोशन के बाद यहां से तबादला हो गया जिसके बाद डा. अरूण भारद्वाज की इकलौते कंसल्टेंट रह गए थे।

डीएनबी की गाईडलाईन के अनुसार चार प्रशिक्षुओं पर एक कंसल्टेंट नहीं हो सकता। ऐसे में जोनल हास्पिटल मंडी की तरफ से प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और सरकार को कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए कई बार लिखा गया। हालही में राज्य सरकार ने डा. अनु देवी को यहां तैनात भी किया लेकिन मात्र चार दिनों में ही उनका तबादला कर दिया गया। डीएनबी की तरफ से बार-बार पत्राचार करने के बाद भी जब यहां कंसल्टेंट नियुक्त नहीं हो पाया तो अब यहां ट्रेनिंग ले रहे चार प्रशिक्षु डॉक्टरों को वापस बुला लिया गया है और यह सीटें भी वापस ले ली गई हैं। अब इन्हें किसी दूसरे अस्पतालों में भेजा जाएगा। 

बता दें कि यह प्रशिक्षु डॉक्टर जोनल हास्पिटल मंडी में गायनी की ओपीडी और आईपीडी में बेहतरीन सेवाएं दे रहे थे। मौजूदा समय में जोनल हास्पिटल में 5 गायनेकॉलोजिस्ट हैं जिनमें से 4 सेवाएं दे रहे हैं जबकि एक महिला डॉक्टर मातृत्व अवकाश पर है। गायनी ओपीडी में रोजाना 200 के करीब महिलाएं अपना चैकअप करवाने आती हैं।

इधर, जोनल हास्पिटल मंडी के एमएस डा. डीएस वर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कंसल्टेंट नियुक्त न हो पाने के कारण डीएनबी की चार सीटें वापस ले ली गई हैं। इस संदर्भ में उच्चाधिकारियों के साथ कई बार पत्राचार किया गया था, लेकिन कंसल्टेंट की नियुक्ति नहीं हो पाई। भविष्य में इन पोस्टों को दोबारा लेने के लिए पूरी प्रक्रिया नए सिरे से अपनानी पड़ेगी। गायनी वार्ड की कोई भी सेवा वाधित नहीं हुई है लोगों को सारी सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।