<p>मंडी को नगर निगम का दर्जा मिल गया। प्रदेश मंत्रीमंडल ने मंगलवार को इस पर मुहर लगा दी। शहर के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों जिनमें 13 पंचायतों के 25 मुहाल शामिल है के जबरदस्त विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री ने बड़ा दांव खेलते हुए अपनी राजनीतिक इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए यह जोखिम उठाया है। अब विरोध में आए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकार और प्रशासन कैसे इसके लिए राजी करता है यह चुनौतीपूर्ण रहेगा। वार्डों का गठन, नगर परिषद के वार्डों का परिसीमन करना व साथ लगते क्षेत्रों को साथ में समावेश करते हुए उनमें संतुलन बनाना एक बड़ा काम होगा। प्रशासन के लिए यह बड़ी कसरत का विषय रहेगा। साथ लगते क्षेत्र जो बल्ह, द्रंग और सदर विधानसभा के हैं में नगर निगम का सबसे अधिक विरोध है। विधायक भी गाहे बगाहे विरोध कर चुके हैं मगर अब जबकि मंत्रीमंडल ने गठन पर मुहर लगा दी है तो एक तरह से इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। </p>
<p>नगर निगम का स्वरूप अलग तरह का होगा क्योंकि पहले तो मंडी नगर परिषद केवल मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र का ही एक भाग था मगर अब इसमें मंडी सदर के अलावा बल्ह के ओटा, गुटकर, चक्कर चलाह, बगला दौंधी, बैहना, भड़याल, चंडयाल व द्रंग के तहत आने वाले भियूली, बिजनी आदि भी इसमें आएंगे। ऐसे में तीन विधायकों का हस्तक्षेप यहां पर हो जाएगा जो जोरदार राजनीतिक मिश्रण होगा। मंडी शहर के 13 वार्डों में से तीन या चार वार्ड आबादी के मापदंड के चलते कम हो जाएंगे। एक वार्ड के लिए कम से कम 2500 की आबादी होनी चाहिए। ऐसे में नगर निगम में 17 से 19 वार्ड हो सकते हैं। अब सारी कसरत नए सिरे से होगी ऐसे में राजनीतिक माहौल भी आने वाले दिनों में गर्म होगा। मंडी में आजकल यूं भी राजनीतिक माहौला गर्माया हुआ है।</p>
<p>विधायक अनिल शर्मा डेढ़ साल से साइलेंट मोड पर हैं और पिछले सप्ताह ही उन्होंने सरकार और कुछ नेताओं पर हमला बोला। उसके बाद उनके कांग्रेसी बेटे ने भी सरकार और भाजपा को खूब कोसा। मंगलवार को कांग्रेस की उम्मीदवार रही चंपा ठाकुर और पूर्व जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने अनिल शर्मा के साथ साथ अपनी ही पार्टी के आश्रय शर्मा को कटघरे में खड़ा किया। अब नगर निगम के एलान से यह राजनीतिक माहौल और अधिक गर्माएगा। </p>
<p>इधर, मंडी नगर परिषद की अध्यक्ष सुमन ठाकुर और सभी पार्षदों ने नगर निगम की घोषणा के एलान का स्वागत करते हुए इसे जयराम ठाकुर का त्यौहारी सीजन का मंडी वासियों के लिए एक बड़ा तोहफा करार दिया है। इसके साथ ही उम्मीदवार भी आगे आने लगे हैं। आने वाले दिनों में चुनावी मैदान में उतरने की चाह रखने वाले चेहरे सामने आने लगेंगे। सबसे अधिक रोचकता व जिज्ञासा वार्डों के गठन को लेकर रहेगी। उसके बाद आरक्षण के रोस्टर पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा। यानि नगर निगम मंडी का बैनर अब एक तरह टंग चुका है, बस चुनावी कसरत शुरू होनी बाकी है जो मंडी के लोगों के लिए एक नया अनुभव होगा।</p>
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