मंडी की संस्कृति के संरक्षण हेतु 1979 से कार्य कर रहे संगीत सदन की टीम 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में मंडी के मशहूर नागरीय नृत्य का मंचन करेगी। संगीत सदन के संचालक उमेश भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश से उनके ही दल को इसके लिए चुना गया है। संगीत सदन के 12 कलाकार इसके लिए 20 दिसंबर को मंडी से रवाना हो जाएंगे क्योंकि 21 जनवरी से उनकी रिहर्सल शुरू हो जाएगी। मंडी की इस सांस्कृतिक संस्था को यह मौका मिलने से कलाकारों में बेहद खुशी है क्योंकि यह बेहद गौरव की बात है।
इससे पहले बीते साल मंडी के मांडव्य कला मंच को भी देश भर के अन्य कलाकारों के साथ राजपथ पर अपनी प्रस्तुति करने का मौका मिल चुका है। अब संगीत सदन को यह मौका मिल रहा है तो यह अपने आप में ऐतिहासिक है। गौरतलब है कि संगीत सदन मंडी की स्थापना 1979 में संगीत के प्रचार प्रसार के लिए की गई थी। उसी समय से यह संस्था अपनी संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए जुटी हुई है। संगीत सदन इसी साल काजा में हुए राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस के मौके पर अपनी सफल प्रस्तुति दे चुका है।
इसके अलावा पिछले साल सितंबर में धर्मशाला में जो देश भर के पर्यटन मंत्रियों का सम्मेलन हुआ था उसमें भी अपनी प्रस्तुति दी थी। इस कार्यक्रम में भी संगीत सदन को खास तौर पर नागरीय नृत्य की प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया था। उमेश भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस में प्रस्तुति के लिए निमंत्रण मिलना गौरव की बात है। उनके दल बेहतरीन प्रदर्शन करके मंडी की संस्कृति को देश व दुनिया के सामने रखने की पूरी कोशिश करेगा।
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