नौजवान बेटे को खोना क्या होता है। यह एक मां ही जानती है। अपने दिल पर पत्थर रख एक मां अपने बच्चे को देश की सेवा के लिए भेजती है। लेकिन जब वहीं मां अपने बच्चे की शहादत की खबर सुनती है तो कितना टूटती होगी, जिसे शब्दों में बयां ही नहीं किया जा सकता।
शाहपुर के लंज का 25 वर्षीय रोहित हमेशा के लिए मां से दूर हो गया। रोहित की मां ने बिना पति के अपने दोनों बच्चों की परवरिश मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर की थी। आज उसी मां के पास आंसुओं के सिवाय कुछ नहीं रहा।
हिमाचल का जवान रोहित चीन बॉर्डर पर शहीद हो गया है।
यह जवान कांगड़ा जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के लंज क्षेत्र का रहने वाला था
जवान के शहीद होने की खबर जैसे ही उसके परिजनों को मिली, उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
रोहित कुमार चीन सीमा पर ड्यूटी देते हुए शहीद हो गया है। जवान रोहित कुमार सेना मे आरटी बटालियन में तैनात था और चीन बॉर्डर पर अपने साथियों के साथ पेट्रोलिंग पर निकला था।
पेट्रोलिंग के दौरान ही ग्लेशियर पर उनका पैर फिसल गया और वह गहरी खाई में गिर गया।
जवान रोहित के मामा को सेना के अधिकारियों ने रोहित के शहीद होने की खबर दी थी। रोहित जिनकी अभी शादी भी नहीं हुई थी, मात्र 24 की आयु में शहादत को प्राप्त हो गए।
उसके घर में उसकी मां और बहन है। गोरतलब है कि रोहित छुट्टी काटकर 3 नवंबर ड्यूटी पर लौटा था।
ड्यूटी के दोरान जाते समय वह अपनी मां और बहन से कह गया था कि जल्द ही वह नए घर का काम शुरू करवा देगा, लेकिन इससे पहले ही रोहित शहीद हो गया।
रोहित ने लंज स्कूल से ही अपनी जमा दो की पढ़ाई पूरी की थी।
उसके बाद धर्मशाला कॉलेज से बीए करने के बाद वह साल 2018 में आरटी बटालियन में बतौर सैनिक भर्ती हुआ था।
वर्तमान में रोहित आरटी की बटालियन में अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर तैनात था।
वहीं, रोहित की बहन रीता देवी कंप्यूटर में मास्टर डिग्री करने के बाद वर्तमान में चंडीगढ़ में कोचिंग ले रही है।
समय के साथ-साथ एक दिन सबके जख्म भर जाएंगे, लेकिन अपने बेटे को खोने को दर्द मां को हमेशा खलता रहेगा।