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बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पांच जिलों के पुलिस अधिकारियों ने की मीटिंग

रिक्की योगेश |

आज सोलन के उपायुक्त कार्यालय के सभागार में क्राइम मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमे 5 जिलों के पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे, जिसकी अध्यक्षता पुलिस महानिदेशक हिमाचल प्रदेश सीताराम मरडी ने की। वही इस बैठक में 5 जिलों  शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर, बद्दी के पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस कर्मचारी भी मौजूद रहे। बेठक में विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा की गई जिसमें लॉ एंड आर्डर, रेप केस, एक्सीडेंट, NDPC एक्ट, और नशे से जुड़े मामलों में किस तरह से कदम उठाने हैं और इस विषय मे क्या करने की जरूरत है इन पर चर्चा की गई।

पुलिस महानिदेशक के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 2018 अप्रैल माह से लेकर 2019 अप्रैल माह तक सभी केसों की जानकारी:-

हत्या के मामले:- 2019 में 16 अभियोग दर्ज हुए है, जबकि 2018 में पंजीकृत अभियोग 31 थे।

हत्या के प्रयास:- 2019 में 16 केस पंजिकृत हुए है जबकि 2018 में 14 केस थे।

ग्रह भेदन:- 2019 में 159 केस हुए है जबकि 2018 में 228 केस हुए थे, जिसमे 30% की कमी आई है।

चोरी:- 2019 में 153 केस दर्ज हुए है जबकि 2018 के तुलनात्मक 92 केस कम है, जिसमे 37.5%की कमी आई है।

बलात्कार:- 2019 में 92 केस दर्ज हुए है जबकि 2018 में 99 केस दर्ज थे।

अपहरण:- 2019 में 133 केस दर्ज हुए है वहीं पिछले वर्ष के हिसाब से 19 केस कम है।

महिलाओं के साथ छेड़छाड़:- 2019 में 131 केस हुए है, जबकि 2018 में 159 केस दर्ज थे।

माफिया के विरुद्ध कार्यवाही

मादक प्रदार्थ:- 2019 में 462 केसों में 623 लोगों को गिरफ्तार किया गया है वहीं 2018 में 454 केस दर्ज किए गए थे।

वहीं पूलिस ने अभी तक 115 किलोग्राम चरस और 2.924 किलोग्राम हीरोइन भी बरामद की है।

वहीं मीडिया से बात करते हुए पूलिस महानिदेशक सीताराम मरडी ने बताया कि आज की इस क्राइम मीटिंग में प्रदेश में बढ़ रहे क्राइम के बारे में चर्चा की गई। वहीं भविष्य में किस तरह से कार्यवाही करनी है इस पर चर्चा की गयी। उन्होंने बताया कि यह मीटिंग अप्रैल माह के अंत मे होती है। लेकिन चुनावों के चलते इसे मई माह के लिए स्थगित कर दिया गया था।

वहीं उन्होंने कहा कि पूरे देश में पूलिस व्यवस्था की रिपोर्ट के अनुसार CSDS ( सेन्टर फ़ॉर द स्टडी ऑफ डवलोपिंग सोसाइटी) के अनुसार पूरे भारत मे हिमाचल का चौथा स्थान है। इस रिपोर्ट में पुलिस पर जनता का विश्वास, क्राइम मामलों का निपटान, और आम जनता और पुलिस के बीच तालमेल का अध्यन कर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है।