हिमाचल प्रदेश भर में आज सुबह दस बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप के चलते शिमला के सरकारी कार्यालयों सहित अन्य क्षेत्रो में सुबह 10 बजे अफरा तरफी शुरू मच गई। खबर आग की तरह फैलते ही राहत बचाव कार्य शुरू हुआ। सशत्र सेना सहित सहित के पुलिस के जवान और प्रशासन मौके पर पहुंचा और राहत बचाब में जुट गया। फिर सबसे पहले भवनों के अंदर फंसे लोगो को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाने का कार्य शुरू हुआ।
चौंकने वाली बात नहीं है असल में ये भूकंप नहींं था बल्कि हिमाचल में भूकंप की स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारी थी। शिमला के डीसी ऑफिस, सचिवालय, आईजीएमसी अस्पताल और विश्वविद्यालय में ये मॉकड्रिल आयोजित की गई। जिसमें भवनों में फसे लोगों को कैसे निकला जाए इसका अभ्यास किया गया।
इस दौरान राज्य स्तरीय आपताकालीन ऑप्रेशन केन्द्र राज्य सचिवालय में स्थापित किया गया था जहां प्रदेश भर से अभ्यास के दौरान की सूचना दी जा रही थी। शिमला के उपायुक्त कार्यालय में सुबह दस बजे ये अभ्यास किया गया और कई लोगो को भवनों से निकाल कर आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाया गया।
डीसी निशांत ठाकुर ने कहा की आज प्रदेश भर में भूकंप से निपटने के लिए अभ्यास किया गया जिसमे भूकंप के समय किस तरफ से निपटा जाए इसको लेकर मॉकड्रिल किया गया।
हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से अति-संवेदनशील माना जाता है। और अति-संवेदनशील ज़ोन चार – पांच में आता है। हिमाचल अभी भी 1905 के कांगड़ा के भूकम्प को नहीं भूल पाया है। जिसमें करोड़ों का नुकसान और 20 हज़ार जिंदगियां समां गई थी। ऐसे में सरकार किसी भी तरह की आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहती है।