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पैदल चलकर घर आ रहे हैं हिमाचली, रास्ते में ढाबे बंद होने के कारण खाना भी नसीब नहीं

मृत्युंजय पुरी |

जहां एक तरफ पूरे  में देश में लॉकडाउन किया गया है । वहीं,  हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों से रोजी-रोटी कमाने गए युवा इस चक्कर में अलग-अलग जगह पर जैसे बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ चंडीगढ़ क्षेत्रों में फंसे हुए हैं । जोकि ढाबे आदि खुले होने के कारण खा पी लेते थे । अब ढाबा भी बंद हो जाने से उन्हें रोटी के भी लाले पड़ने शुरू हो गए हैं । जहां सरकार इन लोगों को अभी तक लाने में पूर्णतया असमर्थ दिखी है तो वहीं अब नई नीति के तहत इन लोगों को हिमाचल बॉर्डर एरिया पर 28 दिनों के लिए कोरेंटाइन के लिए रखने का फैसला लिया है । इसके लिए अभिभावकों का कहना है कि हमारे बच्चों का स्वास्थ्य जांच करवा कर घरों में ही कोरेंटाईन का प्रावधान किया जाए ।  

 जिस प्रकार कुछ व्यक्ति अपने घरों को चंडीगढ़ बद्दी से पैदल चल कर आ रहे हैं । इस दौरान  उन्हें  खाने का ना ही कोई पीने का सामान दुकानों पर उपलब्ध है । इस दौरान चिंता इस विषय की है कि यह जो लोग पैदल चले हुए हैं । जो दो 2 दिन पैदल चलकर बद्दी चंडीगढ़ से आ रहे हैं रास्ते में अगर उनका स्वास्थ्य बिगड़ जाए तो इन्हें देखने वाला कौन होगा । हो सकता है कहीं कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है ।