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हमीरपुर की आर्थिकी को बल दे सकता है दुग्ध उत्पादन: अमरजीत सिंह

DESK |

  • जिला में प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन 2.25 लाख लीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया
  • सहकारी सभाओं और स्वयं सहायता समूहों को पशुपालन से जोड़ने के दिए निर्देश
  • प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार पशुपालकों को दिए जाएंगे दूध के अच्छे दाम

हमीरपुर ।
प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जिला हमीरपुर में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने तथा पशुपालकों को दूध के अच्छे दाम सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त अमरजीत सिंह ने शुक्रवार को पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सहकारिता विभाग और मिल्क फैडरेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि जिला हमीरपुर में दुग्ध उत्पादन की काफी अच्छी संभावनाएं हैं और इससे जिला की आर्थिकी को बल मिल सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पशुपालकों को गाय और भैंस के दूध के उच्चतम दाम प्रदान करने की दिशा में तेजी से कार्य आरंभ कर दिया है। कांगड़ा जिले के ढगवार में लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किए जा रहे अत्याधुनिक दुग्ध संयंत्र से जिला हमीरपुर के पशुपालकों को भी काफी लाभ होगा। इसको देखते हुए जिला में अधिक से अधिक लोगों को दुग्ध उत्पादन से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जाएगा तथा जिला में प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन को 2.25 लाख लीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उपायुक्त ने बताया कि वर्ष 2018-19 में हुई गणना के अनुसार जिला में 19,789 गाय और 97,246 भैंसें थीं। एक सर्वे के अनुसार जिला में इस समय प्रतिदिन लगभग 1.90 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। अब जिला में एक सितंबर से पशुओं की गणना आरंभ कर दी गई है, जिसे 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

उपायुक्त ने ग्रामीण विकास विभाग, सहकारिता विभाग और मिल्क फैडरेशन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अधिक से अधिक लोगों, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी सभाओं को पशुपालन से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ इन स्वयं सहायता समूहों, सहकारी सभाओं और आम पशुपालकों को उत्तम नस्ल के दुधारू पशुओं की जानकारी प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर शिविर आयोजित करें।