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क्या पत्थर पर नमक चढ़ाने से दूर होती है मस्सों की बीमारी? चमत्कार या अंधविश्वास

पी. चंद |

देवभूमि हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे चमत्कार देखने को मिलते है जिन्हें देख सुनकर लोग दांतो तले उंगली दबा लेते हैं और आंखों कानों को इनका विश्वास नहीं होता। इन्हें दैवीय कृपा कहें या लोकमान्यताएं कांगड़ा के हर कोस की दूरी पर कुछ न कुछ दैवीय शक्तियों का आभास हो जाता है। ऐसा ही चमत्कार कांगड़ा जिला के रानीताल में मेन रोड़ से महज दो सौ मीटर के फासले पर जंगल में हैं। जहां एक मिट्टीनुमा किस्म का एक पत्थर है। इस पत्थर को  'मोहक्का पत्थर' के रूप जाना जाता है। इस पत्थर को  नज़दीक से देखने पर ऐसा लगता है कि जैसे पत्थर पर लाखों मस्से उगे हो।

इस क्षेत्र में अपनी तरह का ये एकमात्र पत्थर है। ऐसा माना जाता है कि इस पत्थर के सामने जो भी व्यक्ति श्रद्धा से मन्नत मांगते है। उनको शरीर में होने वाले मस्सों (एक प्रकार की चमड़ी की बीमारी) से छूटकारा मिल जाता है। स्थानीय बुजुर्ग घसीटा राम का कहना है कि मस्सों से परेशान लोग इस पत्थर से मन्नत मांगने दूर-दूर से आते हैं। सदियों से ये सिलसिला चल रहा है। मन्नत मांगने से जिन लोगों को राहत मिलती है, वे प्रसाद स्वरूप इस पत्थर पर नमक की भेंट चढ़ाने आते हैं।

हमारा मकसद इस तरह की ख़बरों के माध्यम से अंधविश्वास फैलाना नहीं है बल्कि जो हमारी मान्यताएं और इस तरह के रहस्य हैं उनसे आप सबको रू-ब-रू करवाना है। विज्ञान इस तरह से मस्सों का इलाज होने को संभव नहीं मानता है। बावजूद इसके लोग यहां अपने मस्सों के इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं। ये सिलसिला आज से नहीं, बल्कि सदियों से चला आ रहा है।