<p>हिमाचल में आए दिन भूकंप के झटकों को देखते हुए अब प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। भूकंप जैसी आपदा से निपटने के लिए 8 फरवरी को प्रदेश भर में विशाल मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी 12 जिले भाग लेंगे।</p>
<p>हिमाचल प्रदेश भूकम्प की दृष्टि से अति-संवेदनशील क्षेत्र है। हिमाचल भूकंप के लिए अति-संवेदनशील जोन चार और पांच में आता है। ऐसे में प्रदेश सरकार इन आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरफ से तैयार होना चाहती है। जिसे लेकर सचिवालय में वीरवार को घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (इवेंट रिस्पॉन्स सिस्टम) पर आधारित जागरुकता कार्यक्रम और अभ्यास और समन्वय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें सेना, NDRF, ITBP, SSB, पुलिस और विभिन्न जिलों के उपायुक्त और विभागाध्यक्ष शामिल हुए।</p>
<p>आपदा प्रबंधन व राजस्व सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य हितधारकों को जागरुक करना, प्रतिक्रिया प्रणाली का मूल्यांकन और नुकसान को कम करने व इसके लिए तैयारियों की सफलता और इसमें कुछ कमियों का पता लगाना है।</p>
<p>पूर्व में इस प्रकार की मॉक ड्रिल नवंबर, 2016 में अति-संवेदनशील जिलों शिमला, कांगड़ा, मंडी, चंबा, सोलन, किन्नौर तथा कुल्लू को शामिल किया गया था। वहीं, इस बार की मॉक ड्रील में सभी जिलों को शामिल किया जाएगा। जिसके लिए रणनीति बढ़ाने, तैयारियों के स्तर में वृद्धि और जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी। ये अभ्यास निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करेगा और सारा अभ्यास एनडीएमए के विशेषज्ञों की देखरेख में किया जाएगा।</p>
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