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डॉ. रमेश चंद के पास आई थी मोनोक्लोन एंटीबॉडी इंजेक्शन की सप्लाई, उन्ही पर हुआ इसका पहला प्रयोग

पी. चंद |

रात दिन प्रदेश के लिए कोरोना के जरूरी उपकरण भेजते रहे स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक डॉ रमेश चंद खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उनको मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंजेक्शन लगाया गया है। हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए पहली बार मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया गया है। दरअसल डॉ रमेश चंद कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ लगने के बाद पॉजिटिव हुए हैं। वह प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में उपचाराधीन हैं। 

कोरोना के ईलाज के लिए अमेरिका में विकसित किए गए मोनोक्लोनल एंटीबाडी इंजेक्शन का पहली बार इस्तेमाल किया गया है। IGMC के प्रधानाचार्य डॉ रजनीश पठानिया के मुताबिक़ ये टीका जल्दी एंटीबॉडी बनाने, ऑक्सीजन लेवल को स्थिर रखने के लिए लगाया जाता है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी यह इंजेक्शन लगाया गया था। हिमाचल प्रदेश को करीब 2 करोड़ के मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंजेक्शन अमेरिका से मिले हैं। जिससे कोरोना मरीजों को ठीक होने में मदद मिलती है। 

उधर, डॉ रमेश चंद का कहना है कि कल ही उन्हें ये टीका लगाया गया है। उसके बाद उनकी हालत में काफ़ी सुधार आया है। अमेरिका से 210 टीके मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के उन्हें एक माह पहले डोनेशन में मिले थे लेकिन अभी तक ये टीका किसी को नहीं लगाया गया। अब उनके कहने पर उनके ऊपर इसका प्रयोग किया गया है। जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। आज वह बिल्कुल ठीक हैं और कल से उन्हें बुखार भी नहीं आया है। वैसे इस टीके की क़ीमत 1 लाख से ज़्यादा की है। क्योंकि अमरीका से ये डोनेशन में आए हैं इसलिए यहां इनको फ्री लगाया जाएगा।