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मॉनसून सत्र: नियम 130 के तहत सदन में गूंजा जलवायु परिवर्तन का मामला, राजस्व मंत्री ने दिया ये जवाब

<p>विधानसभा में नियम 130 के तहत विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, विशाल नैहरिया, बलबीर सिंह वर्मा और जिला लाल ने जलवायु परिवर्तन के कारण कभी सूखा और कभी भारी वर्षा से किसानों – बागवानों को हुए नुकसान पर लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की। इंद्रदत्त लखनपाल ने सदन में कहा कि सूखे से हिमाचल के बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। पानी के कई स्रोत सुख गए हैं। किसानों को सूखे के कारण हुए नुकसान का बीमा तक नहीं मिला है। अब भारी बरसात से बची फसलें बर्बाद हो रही हैं। इसके बाद चर्चा को आगे बढ़ाते हुए सदस्य विशाल नेहरिया ने कहा कि प्रदेश में सूखे के बाद धर्मशाला में मानसून की भारी बारिश से बाढ़ आ गई व जान माल का नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार विशेष राहत प्रभावित लोगों को प्रदान करे।</p>

<p>बलवीर वर्मा ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारी बारिश से चौपाल में बागवानों के बगीचे बह गए हैं। उनके लिए मुआवज़े का प्रावधान किया जाए। चेक डैम बनने के साथ बगीचों को बचाने के लिए योजना पर काम किया जाना चाहिए। चर्चा में भाग लेते हुए जिला लाल ने भरमौर में बारिश से पुल टूट गए हैं कई सड़कें बह गई हैं। बिजली पानी की सप्लाई बाधित हुई। भूस्खलन से जान माल का नुकसान हुआ है। 23 लोगों की मौत बरसात में हुई है। उन्होंने मांग उठाई की पुलों सड़कों, बिजली व पानी को रिस्टोर करने का काम जल्द किया जाए।&nbsp;</p>

<p>नियम 130 के प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए जगत नेगी ने भारी बारिश के कारण किन्नौर सहित समूचे प्रदेश में भारी बारिश से नुकसान हुआ है। लाहौल स्पीति में बाढ़ के बाद हालात ख़राब हैं दो दिन तक कई परिवार गुफ़ा में रहे। दर्जन भर लोगों की जान चली गई। तहसीलदार तक मौके पर क्यों नहीं पहुंच पाए। किन्नौर में जब चट्टानें आ रही थी तो वहां से गाड़ियों की आवाजाही क्यों नहीं रोकी गई। आपदा में होने वाले नुकसान की राहत राशि बढ़ाई जानी चाहिए। राहत राशि की अभी बंदर बांट हो रही है।&nbsp;</p>

<p>पवन काजल ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांगड़ा में भारी बारिश से हुए नुकसान का मामला उठाया। उन्होंने बताया कि मांझी खड्ड के पानी ने फसलों को खासा नुकसान पहुंचा। सिंचाई की कोई भी योजना कांगड़ा में नहीं बनी है। जो पुरानी कूल्हें हैं वह बर्बाद हो चुकी हैं। काजल ने मांजी खड्ड के तटीकरण की मांग उठाई। चर्चा में नालागढ़ की विधायक लखविंदर राणा, रोहड़ू के मोहन बरागटा ने भी अपने अपने क्षेत्रों में भारी बारिश से फसलों व जान माल को हुए नुकसान का मामला 130 की चर्चा के प्रस्ताव में उठाया।&nbsp;</p>

<p>इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार सदन में पहुंचे और सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया। चर्चा में भाग लेते हुए राजेन्द्र राणा ने हर साल होने वाले स्लाइड पर ध्यान देने और कोरोना से मृतक लोगों के लिए 4 लाख का मुआवज़ा जारी करने का सुझाव दिया। चर्चा में सीपीआईएम के राकेश सिंघा ने भी भाग लिया और प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान पर अपनी बात रखी । उन्होंने आपदा रिलीफ मैन्युअल में बदलाव करने की मांग उठाई और कई बहुमूल्य सुझाव दिए। क्योंकि नुकसान के बदले में मुआवज़ा न के बराबर मिल रहा है।&nbsp;</p>

<p>130 की चर्चा में 11 सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा के जवाब में राजस्व एवं जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि भारत ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में जलवायु परिवर्तन का असर पड़ रहा है। उन्होंने माना कि हिमाचल प्रदेश में भी इसका असर पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन की वजह से बेमौसमी बरसात ओलावृष्टि व बर्फ़बारी हो रही है। जिसकी वजह से जानमाल के नुकसान के साथ फसलों को भी नुकसान हो रहा है। सूखे की वजह ब्रह्माण्ड में तापमान बढ़ रहे हैं जो भविष्य के लिए ख़तरे की घंटी है। पहले हिमाचल के कुछ क्षेत्रों में ही बादल फटते थे लेकिन अब कहां बादल फट जाए कुछ कह नहीं सकते। बादल फटने के पीछे जंगलों का कटान, शहरीकरण, हाइड्रो प्रोजेक्ट व विकास के नाम पर हो रहे खनन जैसे कारण है।&nbsp;</p>

<p>ओलावृष्टि से 354 करोड़ का नुकसान किसानों बागवानों को हुआ है जिसकी सारी रिपोर्ट केन्द्र को भेज दी है। जहां तक सूखे की बात है तो पिछले 1 डेढ़ वर्ष से किसानों बागवानों के नुकसान के साथ पीने के पानी के स्रोत सुख गए। पीने के पानी के लिए 25 करोड़ राज्य सरकार ने जारी किया। सूखे और ओलावृष्टि से 645 करोड़ का नुकसान हुआ है जिसका आंकलन कर केंद्र को भेज दिया गया है। 222 लोगों की जान चली गई 12 अभी लापता हैं। 432 &nbsp;मवेशियों की मौत हुई। 1152 घर और पशुशालाएं बह गई। पुलों व सड़कों का 451 करोड़ का नुकसान हुआ है। सरकार ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर हर संभव सहायता प्रभावितों को पहुंचाई गई। किन्नौर के हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ की सहायता प्रदान की है। हिमाचल ने करोड़ों की योजनाएं केंद्र को भेजी है जिनके जल्द ही मंजूर होने की उम्मीद है। जिनमें कूल्हों व खड्डों के तटीकरण किया जाएगा। महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि आगे भी सरकार से जो बेहतर बन पाएगा सरकार लोगों की सहायता के लिए करेगी। इसी के साथ सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।</p>

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