इस फायर सीजन में भी वनों की आग ने हिमाचल को गहरे जख्म दिए हैं. मानसून से पहले फॉरेस्ट फायर सीजन में इस बार भी आग की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पाया. इंद्र देव की मेहरबानी से बेशक बीच-बीच में वनों की भयावह आग पर बारिश से मरहम लगा, लेकिन सरकारी अमले के प्रयास आग बुझाने खास कामयाब नहीं हुए.
इस साल हिमाचल में 2501 एक मामले फायर सीजन के सामने आए हैं. जिसमें 16 हजार 381 हैक्टेयर एरिया प्रभावित हुआ है और 4 हजार 91 पौधे भी आग की भेंट चढ़ गए है. वहीं 20 हजार 609 एरिया वन विभाग का प्रभावित हुआ है. बरसात से पहले तक 5 करोड 75 लाख 19 हजार 17 का नुकसान आंका गया है. हमीरपुर सर्कल में 260 मामले फायर सीजन में आगजनी के सामने आए हैं. जिसमें 3 लाख 60 हजार का नुकसान आंका गया है.
इस बार के फायर सीजन में सबसे ज्यादा आगजनी के मामले धर्मशाला में 584 सामने आए है तो नुकसान की बात की जाए तो जिला चंबा में आगजनी के मामले 498 सामने आए है. जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान 2 करोड 70 लाख 14 हजार 372 का हुआ है. इसके साथ ही सबसे कम मामले वाइल्ड लाइफ शिमला के तहत आने वाले क्षेत्र में चार मामले आए है. बिलासपुर में 148 , कुल्लू में 48 , मंडी में 290 , नाहन में 105, रामपुर में 187 ,शिमला में 250 , सोलन में 88, वाइल्ड लाइफ धर्मशाला में 15 मामले सामने आए है.
इस वर्ष के फायर सीजन जो 15 जून के बाद बारिश शुरू हो गई है . हिमाचल में 15 जून तक 2501 एक मामले फायर सीजन के सामने आए है. इस फायर सीजन में प्राकृतिक वन का 16 हजार 381 हैक्टेयर एरिया प्रभावित हुआ . पौधों का 4 हजार 91 हैक्टेयर एरिया प्रभावित हुआ. इसके इलावा घासनी 336 हैक्टेयर एरिया 20 हजार 609 एरिया वन विभाग का प्रभावित हुआ है. बरसात से पहले तक 5 करोड 75 लाख 19 हजार 17 का नुकसान आंका गया है. ये जो नुकसान इसको एक बार फिर बरसात खत्म होने के बाद आंका जाएगा जिससे पता चलेगा कि वनों में कितना नुकसान पहुंचा है.
हमीरपुर सर्कल में जिसमें ऊना, देहरा डिवीजन आते है. हमीरपुर में 260 मामले फायर सीजन में आगजनी के सामने आए है. लगभग 1865 हैक्टेयर एरिया आता है जिसमें 3 लाख 60 हजार का नुकसान आंका गया है.