राजधानी के भवन मालिकों को अब तीन साल के बजाए सालाना संपति कर देना होगा. नगर निगम शिमला में तीन साल बाद संपत्ति कर में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती रही है. लेकिन नई व्यवस्था के लागू होने के बाद हर साल टैक्स में इजाफा होगा.
नगर निगम शिमला के मेयर सुरेन्द्र चौहान ने कहा कि पहले तीन साल में दस फीसदी बढ़ोतरी की जाती थी. लेकिन अब जीडीपी के हिसाब से सालाना टैक्स में बढ़ोतरी की जाएगी. केंद्र सरकार ने राज्य से लेकर देश के शहरो में इस टैक्स की व्यवस्था को लागू करने को जरूरी किया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने जो फार्मूला दिया है. वह प्रदेश की विकास दर पर आधारित है. प्रदेश में बीते पांच साल में जीडीपी दर क्या रही. उसकी औसत के हिसाब से ही टैक्स में बढ़ोतरी की जाएगी. यदि जीडीपी दर कम रही तो टैक्स कम बढ़ेगा. देश भर के सभी नगर निगमों और नगर निकायों को यह फार्मूला लागू करने को कहा गया है.
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