7वें राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष नंद लाल तथा मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा ने इस सीजन से सेब की बिक्री के लिए यूनिवर्सल कार्टन व्यवस्था लागू करने के लिए प्रदेश सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल कार्टन सेब बागवानों की चिर लंबित मांग थी जिसे वर्तमान कांग्रगेस सरकार ने पूरा किया है और सरकार के इस निर्णय से सेब बागवानों को समुचित लाभ सुनिश्चित होगा।
नंद लाल तथा मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने किसानों एवं बागवानों के हित में अनेकों निर्णय लिए हैं ताकि उनका आर्थिक तौर पर सशक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार सेब की बिक्री किलोगा्रम के आधार पर पिछले सीजन से आरम्भ कर दी गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने पिछले सीजन में सेब के समर्थन में डेढ़ रूपये की ऐतिहासिक बढ़ौतरी कर इसे 12 रूपये प्रति किलो किया गया था। दोनों ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने कीटनाशकों एव उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी को भी बहाल कर प्रदेश के लाखों सेब बागवानों को बड़ी राहत दी है जिसे पिछले भाजपा सरकार के कार्यकाल में बंद कर दिया गया था।
दोनों ने कहा कि भाजपा किसान एवं बागवान विरोधी पार्टी है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में वायदा किया था कि विदेशी सेब पर आयात शुल्क को दुगुना किया जाएगा लेकिन इसके विपरीत केन्द्र की भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया जिससे प्रदेश के बागवानों के साथ कुठाराघात हुआ है। उन्होंने कहा कि विदेशी सेब के बाजार में आने से हिमाचल प्रदेश की 5 हजार करोड़ रूपये की सेब अर्थव्यवस्था संकट में आ गई है जिसके लिए केन्द्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बागवानों को कोल्ड स्टोर में रखे गए सेब के भी उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। विदेशी सेब आने से आज प्रदेश के सेब बागवानों को प्रति पेटी 800 से 1200 रूपये का नुक्सान उठाना पड़ रहा है।