पी. चंद
विश्व के सबसे ऊंचे आइस हॉकी रिंक काजा में पहली बार पुरूष वर्ग की राष्ट्रीय आइस हॉकी चैंपियनशिप 2022 का आयोजन शुरू हो गया है। 11वीं राष्ट्रीय आइस हॉकी चैंपियनशिप 2022 में कुल पांच टीमें हिस्सा ले रही हैं। इसमें यूटी लदाख, आईटीबीपी, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और आर्मी की टीम शामिल है। सोमवार को एक ही मैच खेला गया जोकि आईटीबीपी और हिमाचल प्रदेश की टीम के बीच में खेला गया। आईटीबीपी की टीम ने मैच में कुल नौ गोल किए जबकि हिमाचल की टीम एक ही गोल कर पाई। तीन हाफ में मुकाबला काफी रोमांचक रहा।
इससे पहले जिलाधीश नीरज कुमार ने आइस रिंक काजा में 11वीं राष्ट्रीय आइस हॉकी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस मौके पर आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव हरजिंद्र सिंह जींदी विश्षिठ अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। आईस रिंक काजा में सभी पांचों टीमें लाईन अप रही। राष्ट्रगान और तिरंगे के साथ कार्यक्रम शूरू हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडीसी अभिषेक वर्मा ने कहा कि स्पिति में इससे पहले महिला वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का सफल आयोजन हो चुका है। ऐसे में इस बार पुरूष वर्ग की प्रतियोगिता की मेजवानी हमें मिली है। स्पिति की भूगौलिक परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण है। लेकिन यहां की सुविधाएं उन चुनौतियों को कम कर देते है। हम स्पिति में आइस हॉकी खेल को बढ़ावा देने के लिए अलग अलग जोन में टीमें बनाई जाएंगी और फिर आपसी प्रति स्पर्धा करवाएंगे ताकि अच्छे खिलाड़ी निकल कर आए।
आइस हॉकी एसोसियेशन आफ इंडिया के महासचिव हरजिंद्र जींदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश में बहुत ही कम ऐसे रिंक है जहां पर डेश बोर्ड लगे हैं। अन्य देशों की टीमें डेश बोर्ड में हमेशा अभ्यास करती हैं। स्पिति जैसे क्षेत्र में डेश बोर्ड मुहैया करवाना स्पिति प्रशासन का प्रयास काबिले तारीफ है। स्पिति में दो दो आयोजन करवाना आसान बात नहीं है। लदाख के बाद अब आइस हॉकी का हब स्पिति बन रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि जिलाधीश नीरज कुमार ने कहा कि सर्दियों में स्पिति में जन जीवन अन्य देशों के हिस्सों से कट जाता था। ऐसे में आइस हॉकी जैसे खेल का आयोजन होना बड़ी बात है। इससे पर्यटन के साथ साथ स्थानीय लोगों की आर्थिकी में मजबूती मिल रही है। खेलें नशे से दूर रखने के लिए बड़ी भूमिका निभाता है। स्पिति के युवाओं को खेलों में स्टेमिना अन्य राज्यों के खिलाड़ियों से काफी अधिक होता है। उन्हें सही मंच मिल पाता था लेकिन अब आइस हॉकी से उन्हें राष्ट्रीय स्तर के आयोजन यहां पर हो रहे है। केंद्र सरकार ने सीमांत लगते क्षेत्र में पलायन को रोकने के लिए वाइव्रेंट विलेज प्रोग्राम को शुरू किया है। हम प्रयास करेंगे कि साहसिक खेलों के बारे में उक्त प्रोग्राम में आधारभूत ढांचा तैयार किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लएि प्रयासरत है। यहां पर बच्चों को 80 से अधिक स्केटस प्रशासन ने मुहैया करवाया ताकि बचपन से आइस हॉकी के खेलों के प्रति उत्साह बढ़ सके और खेल की बारिकियां सीख सकें।
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