केंद्र सरकार के पेटेंट कार्यालय ने वैज्ञानिकों की चार सदस्यीय बहुसंस्थागत टीम को नैनोकणों के एंटीफंगल गुणों पर पेटेंट प्रदान किया है। टीम में नौणी विवि की एक वैज्ञानिक शामिल हैं। विवि के औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी, हमीरपुर में पादप रोग विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. मोनिका शर्मा ने एमिटी यूनिवर्सिटी और आईएसआरसी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस पेटेंट को हासिल किया है।
नैनोकणों में नए रोगाणुरोधी एजेंटों के रूप में उपयोग करने की क्षमता है और इसलिए फसलों में रोगों के प्रबंधन के लिए सिंथेटिक कवकनाशी के विकल्प के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है। नैनोकणों में अपने लक्ष्य स्थलों के लिए उच्च प्रतिक्रिया शीलता होती है और इसलिए बहुत कम मात्रा पर भी फंगल रोग जनकों की वृद्धि और गतिविधि को प्रभावित करते हैं।
डॉ. मोनिका पिछले छह वर्षों से नैनोकणों के एंटीफंगल गुणों के क्षेत्र में काम कर रही हैं और अंतरराष्ट्रीय ख्याति शोध पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित कर चुकी हैं। नौणी विवि के कुलपति प्रो. राजेश्वर चंदेल ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि बदलती जलवायु में कई रोग जनक समस्याओं का सामना कर रहे किसानों के लाभ के लिए इसे शोध को आगे बढ़ाने का जरूरत है। निदेशक अनुसंधान डॉ. संजीव चौहान ने भी शोधकर्ताओं को बधाई दी।
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