Follow Us:

नौतोड़ विवाद: राजभवन और सरकार के बीच फिर बढ़ा टकराव

|

 

  • नौतोड़ भूमि मामले पर राज्यपाल और सरकार के बीच फिर विवाद
  • राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
  • भाजपा पर निशाना साधते हुए जनजातीय क्षेत्रों के हितों की अनदेखी का आरोप

Nautor Land Row in Himachal Pradesh: नौतोड़ भूमि मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर राजभवन और राज्य सरकार आमने-सामने आ गए हैं। बुधवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने नौतोड़ भूमि से जुड़े प्रस्ताव को संविधान और कानून के तहत की गई वैध मांग बताया।

जगत सिंह नेगी ने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के कार्यकाल में भूमिहीनों को 20 बीघा तक सरकारी भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया था। लेकिन 1980 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (FCA) लागू होने के बाद इस प्रावधान पर रोक लग गई।

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 5 के तहत राज्यपाल को जनजातीय क्षेत्रों के लिए विशेष नियम बनाने का अधिकार है। इसी के तहत सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में FCA कानून को दो वर्षों के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा है। हालांकि, राज्यपाल ने अभी तक इस पर अपनी सहमति नहीं दी है।

राजस्व मंत्री ने राज्यपाल के उस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण कहा जिसमें उन्होंने राजभवन को सरकार के चुनावी वादों को पूरा करने का स्थान नहीं बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की अपेक्षाओं के खिलाफ है।

इस दौरान जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को भूमि देने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने जयराम ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें नसीहत देने की जरूरत नहीं है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को “कलंकित नेता” करार देते हुए उनकी नसीहत को पूरी तरह अस्वीकार किया।

जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में पहले भी तीन राज्यपाल FCA कानून को स्थगित कर चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनजातीय क्षेत्र के लोगों की मांग को वह आगे भी मजबूती से उठाते रहेंगे।