हिमाचल

‘नायक’ की भूमिका में मुख्यमंत्री का एक और कदम

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार जरूरतमंद बच्चों विशेषकर अनाथ बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्ध जनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के पहले दिन ही उन्होंने शिमला में बालिका देखभाल संस्था, टूटीकंडी का दौरा कर इस संस्थान से संबंधित विभाग की कार्य प्रणाली को जाना। उन्होंने कहा कि मैंने 28 दिसंबर, 2022 को नारी सेवा सदन और वृद्ध आश्रम मशोबरा का भी निरीक्षण किया। उन्होंने महसूस किया कि बेसहारा बच्चों, निराश्रित महिलाओं एवं वृद्धजनों के लिए अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के मां-बाप नहीं, उनके लिए सरकार ही माता-पिता हैं। संस्थागत देखभाल के लिए बाल देखभाल संस्थाओं, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन और वृद्ध आश्रमों में रह रहे आवासियों को मुख्य त्योहार मनाने के लिए 500 रुपये का उत्सव अनुदान प्रदान करने की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘प्रदेश सरकार 101 करोड़ रुपये की धनराशि से मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष स्थापित करेगी’ ताकि जरूरतमंद बच्चों एवं निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों, आई.आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.टी., आई.आई.एम, पॉलिटेक्निक संस्थानों, नर्सिंग एवं डिग्री कॉलेजों आदि में ऐसे बच्चों की उच्च शिक्षा और व्यवसायिक कौशल विकास शिक्षा पर होने वाले व्यय को प्रदेश सरकार वहन करेगी। इनको आवश्यकता के अनुसार जेब खर्च के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे ये बच्चे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने कहा कि यह कोई करुणा नहीं बल्कि उनका प्रदेश सरकार पर अधिकार है।

उन्होंने बताया कि इस कोष से सहायता प्राप्त करना सरकारी बंधनों से मुक्त होगा और इनसे कोई आय प्रमाण-पत्र भी नहीं लिया जाएगा। साधारण आवेदन पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संपूर्ण सहायता त्वरित रूप से सीधे लाभार्थी के खाते में दी जाएगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दानी सज्जनों और कम्पनियों आदि से सी.एस.आर. के अंतर्गत आर्थिक सहायता लेने के भी प्रयास किए जाएंगे ताकि देखभाल एवं संरक्षण वाले सभी कमजोर वर्गों को सरकार की ओर से अच्छी और उच्च गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं दी जा सकें। इसके अलावा, विधायकों से भी इस कोष के लिए आर्थिक सहायता ली जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे बच्चों, संस्थागत देखभाल, फॉस्टर केयर के अंतर्गत लाभान्वित हो रहे सभी बच्चों, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन में रह रही निराश्रित महिलाओं और वृद्धाश्रमों में रह रहे आवासियों को इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई अन्य अनाथ बच्चा जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा चिन्हित किया जाता है तो उसे भी इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा।

Kritika

Recent Posts

ध्रोबिया में सड़क निर्माण से खुशी की लहर, पूर्व विधायक काकू ने दिया विकास का संदेश

Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…

3 hours ago

पर्यटन निगम को राहत: 31 मार्च तक खुले रहेंगे 9 होटल, हाईकोर्ट का फैसला

High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…

4 hours ago

एनसीसी दिवस: धर्मशाला कॉलेज में 75 यूनिट रक्तदान, नशा मुक्ति का संदेश

NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…

5 hours ago

शनिवार से कुंजम दर्रा यातायात के लिए पूरी तरह बंद , नोटिफिकेशन जारी

Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…

5 hours ago

महाराष्ट्र-झारखंड नतीजों के बीच शिमला में राहुल और सोनिया गांधी

Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…

5 hours ago

मां का खौफनाक कदम: दो बच्चों की हत्या कर खुदकुशी करनी चाही पर नहीं आई मौत

Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…

6 hours ago