प्रशासन के मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले कुल्लू और मनाली के होटल्स पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शिकंजा कस दिया है। एनजीटी ने कुल्लू और मनाली के 1700 होटल्स, लॉज, होम स्टे के निरीक्षण के लिए कमेटी गठित की है।
समिति अब 25 कमरों से ऊपर वाले होटल्स, लॉज, होम स्टे में निरीक्षण करेगी। वन भूमि पर बने और प्रदूषण बोर्ड की सहमति के बिना वाले प्रथम श्रेणी के होटल्स पर एनजीटी ने कड़ा रूख अपनाया है। ऐसे होटल्स पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जिससे लापरवाह होटल संचालकों और मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है। शर्तें पूरी न करने वाले होटल संचालक और मालिक एनजीटी की ओर से गठित टीम के निरीक्षण की खबर से सकते में हैं। औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी करने के लिए जुट गए हैं।
समिति द्वारा संयुक्त निरीक्षण अभियान शुरू होने से होटल कारोबारियों को एकदम औपचारिकताएं पूरी करवाने का समय भी नहीं मिल पाएगा। इस संयुक्त निरीक्षण के दौरान पानी के स्रोत, ठोस कचरे के प्रबंधन, सीवेज उपचार संयंत्र, बिजली के स्रोत संबंधी जांच परख की जाएगी और इसकी एक व्यापक रिपोर्ट एनजीटी बेंच में जमा करवाई जाएगी।
वही, मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकतर होटल नियमों के अनुसार चल रहे हैं। कुछ होटल्स को प्रदूषण बोर्ड की तरफ से निर्देश मिले थे कि सभी औपचारिकताएं पूरी करें। जिस पर औपचारिकताएं पूरी की गई हैं। उन्होंने अपील की है कि अगर कोई बचा हुआ होटल है तो तुरंत अपनी औपचारिकताएं पूरी करें।