मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों की शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव आज यहां राज्य के क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्गों की बहाली के संबंध में अद्यतन स्थिति पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के परवाणू-शिमला खंड पर परवाणू के पास चक्की मोड़ पर भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़क को बहाल कर दिया गया है और भारी वाहनों सहित अन्य वाहनों की आवाजाही के लिए इसे खोल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस राजमार्ग पर यातायात को कम करने के दृष्टिगत अंबाला और दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन वैकल्पिक मार्ग कुमारहट्टी-नाहन का भी उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के शिमला-बिलासपुर खंड पर नम्होल में सड़क पर से अवरोध को हटा दिया गया है और इसे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है।
संबंधित अधिकारियों को सड़क के उचित रखरखाव के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटरूपी में क्षतिग्रस्त खंड को बहाल करने तथा मंडी से मनाली के बीच, विशेष रूप से कैंची मोड़ पंडोह, 7 मील और पतलीकुहल से मनाली के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कोटरोपी में सड़क बहाल होने तक यातायात कटिंडी-झटिंगरी-घटासनी सड़क से होकर परिवर्तित किया गया है। उन्होंने कहा कि बजौरा और मंडी के बीच वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए एक समय सारिणी बनाई गई है।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इन राष्ट्रीय राजमार्गों के वैकल्पिक मार्गों के रूप में उपयोग में लाई जा रही क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को कुल्ल और लाहौल-स्पीति ज़िला के लिए पर्याप्त मात्रा में पैट्रोल और डीजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।